अनुच्छेद 370ः जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, नए केंद्रशासित प्रदेश-जम्मू कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे

By भाषा | Published: August 9, 2019 07:51 PM2019-08-09T19:51:00+5:302019-08-09T19:51:00+5:30

अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद तनाव को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में कर्फ्यू और धारा 144 लागू है, लेकिन इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी मंजूरी दे दी है।

President Ram Nath Kovind gives his assent to The Jammu and Kashmir Reorganisation Act, 2019. | अनुच्छेद 370ः जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, नए केंद्रशासित प्रदेश-जम्मू कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी मंजूरी दे दी है।

Highlightsराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शुक्रवार को यहां राजभवन में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ मुलाकात की।प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मंगलवार से ही यहां मौजूद हैं और वह प्रदेश में जमीनी हकीकत का जायजा लेने आये थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को उस कानून को मंजूरी दे दी, जिससे जम्मू कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित हो जाएगा। यह कानून 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आ जायेगा।

संसद ने राज्य को विभाजित करने के लिए लाये गये विधेयक को इसी सप्ताह मंजूरी प्रदान की थी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 के 34) की धारा 2 के खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप, केंद्र सरकार ने इसके लिए अक्टूबर, 2019 के 31वें दिन को निर्धारित किया है, जो कि इस अधिनियम के उद्देश्यों के लिए निर्धारित दिन है।’’

इस विधेयक के अनुसार जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश की पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी और लद्दाख चंडीगढ़ की तरह विधायिका के बिना केन्द्र शासित प्रदेश होगा। इन दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों में कानून एवं व्यवस्था का जिम्मा केन्द्र के पास होगा।

केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल होगा और इसकी विधानसभा की अधिकतम सीमा 107 होगी जिसे सीमांकन के बाद 114 तक बढ़ाया जायेगा। विधानसभा की 24 सीटें रिक्त पड़ी रहेगी क्योंकि ये सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में है।

केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में करगिल और लेह जिले होंगे। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि जम्मू कश्मीर लम्बे समय तक केन्द्र शासित प्रदेश नहीं बना रहेगा।

मोदी ने कहा था, ‘‘जम्मू और कश्मीर में अधिक से अधिक विकास होगा, मुझे नहीं लगता कि यह लंबे समय तक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा। लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा।’’

राष्ट्रपति ने राज्य को विभाजित करने के लिए लाये गये विधेयक को इसी सप्ताह मंजूरी प्रदान की थी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी है।

इससे पहले यह बिल राज्यसभा और लोकसभा से पास हो चुका था। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही अब जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों में बंट चुका है और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित प्रदेश बन चुके हैं।

जम्मू से निषेधाज्ञा हटी, शनिवार से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज

जम्मू जिला प्रशासन ने यहां पांच अगस्त से सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लगी निषेधाज्ञा शुक्रवार को वापस ले ली। इस संबंध में प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान में मौजूद प्रावधानों में बदलावों के मद्देनजर यह निषेधाज्ञा लगायी गयी थी। जम्मू की जिला मजिस्ट्रेट सुषमा चौहान की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान 10 अगस्त से सामान्य कामकाज शुरू कर सकते हैं। 

अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद तनाव को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में कर्फ्यू और धारा 144 लागू है, लेकिन इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी मंजूरी दे दी है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शुक्रवार को यहां राजभवन में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ मुलाकात की। सरकारी प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मंगलवार से ही यहां मौजूद हैं और वह प्रदेश में जमीनी हकीकत का जायजा लेने आये थे।

उन्होंने बताया कि डोवाल ने राज्यपाल के साथ मौजूदा हालात पर चर्चा की। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने लोगों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा, लोगों तक पहुंचने और उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने प्रशासन द्वारा धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ ईद-उल-अज़हा मनाने के वास्ते लोगों की सुविधा के लिए किए गए प्रबंधों पर भी चर्चा की। 

जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र से आज शुक्रवार को धारा 144 हटते ही स्थानीय लोगों ने घर से बाहर निकलकर अपने परिवार के साथ घूमने का लुत्फ उठाया। काफी लोग सड़कों पर दिखाई दिए। लोग गोलगप्पे और अन्य चीजें खाते नजर आए।

बकरीद से पहले के हालात और कर्फ्यू के कारण लोगों के जनजीवन पर पड़ने वाले असर के बीच कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर बसिर अहमद खान ने शुक्रवार शाम आयोजित पीसी में कहा कि घाटी में स्टॉक की कमी है, लेकिन सभी जिलों में टीम बना दी गई है और कोशिश की जा रही है कि सभी जरूरी चीजें सभी को मिले और बिक्री के लिए उपलब्ध रहे।

Web Title: President Ram Nath Kovind gives his assent to The Jammu and Kashmir Reorganisation Act, 2019.

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे