Prayagraj Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ को लेकर राजनीति थमने के नाम नहीं ले रही. उत्तर प्रदेश की विधानसभा में लगातार दूसरे दिन भी महाकुंभ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार हुई. इस दौरान सदन में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कहे जाने की सत्ता पक्ष के विधायकों ने निंदा की. वही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों द्वारा कुंभ के आयोजन पर अरबों रुपए खर्च करने और गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य में इजाफ़ा ना करने को लेकर सदन में आवाज उठाई गई.
सपा विधायकों ने प्रयागराज में गंगा और यमुना का जल प्रदूषित होने को लेकर आई रिपोर्ट के जिक्र कर योगी सरकार पर आरोप लगाए गए. इन आरोपों से तिलमिलाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ के आयोजन को लेकर अफवाह फैलाने वाले करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान कर रहे हैं. जबकि संगम का जल साफ है और डुबकी लगाने योग्य है.अब तक महाकुंभ में 56 करोड़ से भी ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं. वही दूसरी तरफ विपक्ष के लोग इसमें मानव मल होने का दुष्प्रचार कर रहे हैं.
हर महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है
मुख्यमंत्री योगी के अनुसार, प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किसी सरकार का आयोजन नहीं है. यह सनातन संस्कृति का आयोजन है. महाकुंभ पर अफवाह फैलाने वाले और अनर्गल आरोप लगाने वाले सनातन आस्था का अपमान कर रहे हैं. इस पर राजनीति नहीं करना चाहिए. इसके बाद भी सपा के लोग पहले दिन से महाकुंभ का पहले दिन से ही विरोध कर रहे हैं.
इनकी एक सहयोगी ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कहा है. इसी तरह राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने इसे फालतू की बात कहा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि महाकुंभ की भगदड़ में हजारों लोगों की मौत हुई है. विपक्ष के इन नेताओं का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अगर सनातन संस्कृति का पालन करना अपराध है तो हम यह अपराध हजार बार करेंगे.
अगर सनातन के आयोजन को भव्यता से करना कोई अपराध है? तो हमने यह किया है. रही बात सपा के विरोध की तो संक्रमित (बीमार) व्यक्ति का उपचार हो सकता है लेकिन संक्रमित सोच का कोई उपचार नहीं है. महाकुंभ महान आयोजन है और महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है. उपहास से, विरोध से और स्वीकृति से.
स्वीकृति का इससे अधिक प्रमाण क्या हो सकता है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद चुपचाप जाकर महाकुंभ में डुबकी लगा आए. जबकि चाचू को यहीं छोड़ गए. सदन में यह कहते हुए सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद की ओर रुख किया और कहा अरे पाण्डेय जी (माता प्रसाद क़ो) आप लेके जाइये चच्चू क़ो. वर्ष 2013 में वह नहीं गए तो क्या हुआ, अब 2025 में जाइये.
सनातन धर्म के आयोजन में कोई भूखा नहीं रहा, महाकुंभ में जो आया वो भूखा नहीं गया, प्रयागराज काशी अयोध्या ने अतिथि देवो भवः का प्रमाण प्रस्तुत किया, जो लोग इसपर दुष्प्रचार कर रहे हैं, वो जनता यह देख रही है और जनता जनार्दन इस तरह के तमाम दुष्प्रचार के बाद भी महाकुंभ में स्नान करने जा रही है.