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Prayagraj Mahakumbh 2025: परिवार से मिले 20144 बिछड़े श्रद्धालु?, महाकुंभ मेले में डिजिटल खोया-पाया केंद्र ने किया कारनामा, ऐसे कर रहा काम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 15, 2025 20:30 IST

Prayagraj Mahakumbh 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत केंद्रों पर प्रतीक्षा कक्ष, चिकित्सा कक्ष, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि लोगों को उनके परिजनों से मिलाने की प्रक्रिया के दौरान असुविधा न हो।

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ठळक मुद्देपुलिस ने देश के विभिन्न राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं को परिवारों से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात दिसंबर 2024 को डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की शुरुआत की थी।पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेले में स्थापित डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने 20,000 से अधिक बिछड़े लोगों को उनके प्रियजनों से मिलाने में मदद की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। मेला प्राधिकरण के मुताबिक, डिजिटल खोया पाया केंद्रों की मदद से महाकुंभ मेला शुरू होने के बाद से अब तक 20,144 बिछड़े श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाने का कार्य किया गया है जिसमें बड़ी संख्या महिलाओं की रहीं। इसके अलावा, पुलिस ने देश के विभिन्न राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दौरान (28, 29 और 30 जनवरी) को भीड़ का प्रबंधन करते हुए डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने 8,725 बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाया। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि इसी प्रकार मकर संक्रांति पर्व (13, 14 और 15 जनवरी) पर बिछड़े 598 श्रद्धालु और बसंत पंचमी (2, 3 और 4 फरवरी) पर बिछड़े 813 श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलवाया गया।

इसके अलावा अन्य स्नान पर्वों और सामान्य दिनों में बिछड़े 10,000 से अधिक लोगों का भी उनके परिवारों से मिलवाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात दिसंबर 2024 को डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की शुरुआत की थी। मेला क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं जो संगम, झूसी, अरैल, फाफामऊ में सेक्टर- तीन, चार, पांच, आठ, नौ, 21, 23, 24 और प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास स्थित हैं। डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में अत्याधुनिक कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

इससे मेला क्षेत्र में बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को तेजी से उनके परिवारों से मिलाया जा सका है। डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका रही। यूनिसेफ सहित कई गैर-सरकारी संगठनों ने भी इसमें सक्रिय योगदान दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत इन केंद्रों पर प्रतीक्षा कक्ष, चिकित्सा कक्ष, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि लोगों को उनके परिजनों से मिलाने की प्रक्रिया के दौरान असुविधा न हो।

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