प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर बोला हमला, कहा- बिहार की पूरी व्यवस्था ध्वस्त है
By एस पी सिन्हा | Updated: October 14, 2022 16:12 IST2022-10-14T16:12:14+5:302022-10-14T16:12:14+5:30
प्रशांत किशोर ने कहा, बिहार की पूरी व्यवस्था ध्वस्त है। उसमें शिक्षा सबसे ऊपर है। अब तक सौ किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा में मुझे ऐसा एक भी प्राइमरी, मिडल, अपर प्राइमरी और प्लस टू स्कूल नहीं मिला, जहां बिल्डिंग, शिक्षक और विद्यार्थी तीनों एक साथ हो।

प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर बोला हमला, कहा- बिहार की पूरी व्यवस्था ध्वस्त है
पटना: जन सुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि बिहार की पूरी व्यवस्था ध्वस्त है। उसमें शिक्षा सबसे ऊपर है। अब तक सौ किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा में मुझे ऐसा एक भी प्राइमरी, मिडल, अपर प्राइमरी और प्लस टू स्कूल नहीं मिला, जहां बिल्डिंग, शिक्षक और विद्यार्थी तीनों एक साथ हो। वह फंक्शनल तरीके से हो। कुछ ऐसे विद्यालय मिले जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं।
पीके ने कहा कि ग्रामीण सड़कों की हालत अब वैसी ही हो गई हैं, जब लालू प्रसाद के जमाने में होती थीं। प्रशांत किशोर ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि अभी तक की उनकी पदयात्रा में जो समस्याएं सामने आई हैं, उसमे पलायन, ग्रामीण सड़कों की बदहाली और बिजली बिल से जुड़ी समस्या सबसे अधिक देखने को मिल रही है।
उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि नीतीश सरकार की इतिहास जब भी लिखा जाएगा, उसमें सबसे बड़ा दोष नीतीश कुमार का यह होगा कि पढ़े लिखे व्यक्ति होने के बावजूद उनके नेतृत्व में, उनके शासनकाल में बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई। यह उनके शासनकाल का सबसे बड़ा काला अध्याय होगा।
पीके ने कहा कि रोजगार नहीं मिलने के कारण बिहार के युवाओं की बड़ी आबादी पलायन कर चुकी है, गांवों में सिर्फ महिला, बुजुर्ग और बच्चे रह गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच सरकार सिर्फ भ्रम फैला रही है कि बिहार की सड़कें चकाचक हो गई हैं। लेकिन सच्चाई यही है कि आज ग्रामीण सड़कों की हालत वैसी हो गई है जो कभी लालू प्रसाद के शासनकाल में हुआ करती थीं।
उन्होंने कहा कि यदि सड़क खराब है तो संभव है कि दो चार साल के बाद कोई अच्छी सरकार आए तो सड़क बन जाएगी। लेकिन जब शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त होती है तो पूरा का पूरा जनरेशन खराब हो जाता है। जो व्यक्ति नहीं पढ़ पाया और उसे किसी तरह डिग्री मिल गई। वह जीवन भर अपने पोटेंशियल को पूरा नहीं कर पाएगा।
पीके ने कहा कि मैं एक माह के अंदर भारत में सबसे बड़ा प्लेटफार्म खड़ा करने जा रहा हूं, जिसमें देश से बाहर के भी लोग जुड़ सकेंगे। राज्य में 40- 50 हजार लोगों को जब तक समाज से चुनकर निकाल नहीं लेता हूं, तब तक दम नहीं रखूंगा। वे लोग तय करेंगे कि राजनीतिक पार्टी बने या नहीं बने।