देश के हरित क्षेत्र में बढ़ोतरी, कर्नाटक पहले नंबर पर, जानिए दूसरे पर कौन सा राज्य
By भाषा | Updated: December 30, 2019 14:23 IST2019-12-30T14:23:10+5:302019-12-30T14:23:10+5:30
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह रिपोर्ट हमें विश्वास दिलाती है कि हम पेरिस समझौता लक्ष्य को हासिल करने की राह पर हैं। पिछले दो वर्षों में देश के हरित क्षेत्र में 5,188 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है। इसमें वन क्षेत्र और वन से इतर पेड़ों का हरित क्षेत्र भी शामिल है।

जावड़ेकर ने कहा कि 2014 से 2019 के दौरान वन क्षेत्र में 13 हज़ार वर्ग किमी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह रिपोर्ट हमें विश्वास दिलाती है कि हम पेरिस समझौता लक्ष्य को हासिल करने की राह पर हैं। पिछले दो वर्षों में देश के हरित क्षेत्र में 5,188 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है। इसमें वन क्षेत्र और वन से इतर पेड़ों का हरित क्षेत्र भी शामिल है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को भारत में वन क्षेत्र की स्थिति रिपोर्ट 2019 (आईएसएफ़आर) जारी करते हुए बताया कि देश का वन क्षेत्र सभी श्रेणियों में बढ़ा है। उन्होंने बताया कि देश के कुल क्षेत्रफल में वन क्षेत्र की हिस्सेदारी 21.67 प्रतिशत हो गई है।
जावड़ेकर ने कहा कि 2014 से 2019 के दौरान वन क्षेत्र में 13 हज़ार वर्ग किमी का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि सघन वन क्षेत्र, विरल वन क्षेत्र और सामान्य वन क्षेत्र, तीनों श्रेणियों में बढ़ोतरी दर्ज करने वाला भारत एक मात्र देश है। जावडेकर ने कहा कि देश के उत्सर्जित कार्बन में 2017 के पिछले आकलन के मुकाबले 4.26 करोड़ टन की वृद्धि हुई।
Union Minister of Environment, Forest & Climate Change Prakash Javadekar: There has been an increase in forest cover in Karnataka, Kerala, Andhra Pradesh, Jammu & Kashmir and Himachal Pradesh in last 2 years. pic.twitter.com/UbULSkyxq7
— ANI (@ANI) December 30, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट हमें भरोसा दिलाती है कि हम पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने की राह पर हैं।’’ केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मौजूदा आकलन दिखाता है कि पूर्वोत्तर भारत में वन आच्छादित क्षेत्र में 765 वर्ग किलोमीटर (0.45 प्रतिशत) तक की कमी आई।
असम और त्रिपुरा के अलावा पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में वन आच्छादित क्षेत्र में कमी देखी गई। उल्लेखनीय है कि आईएसएफआर रिपोर्ट दो साल के अंतराल पर प्रकाशित होती है। रिपोर्ट के अनुसार देश में वनों में आग लगने की घटनाओं में 20 प्रतिशत की कमी आयी है।