पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल शुक्रवार को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची के साथ हुए कथित लैंड डील मामले में पेश होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ऑफिस पहुंचे। ईडी ने इस मामले की जांच के तहत प्रफुल्ल पटेल को 18 अक्टूबर को हाजिर होने का समन जारी किया था।
कांग्रेस ने प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ जांच को बीजेपी सरकार का चुनावी हथकंडा करार दिया था, जबकि पटेल ने इसे 'केवल अटकलें' कहकर खारिज करने की कोशिश की थी। पटेल ने कहा कि उनके और इकबाल मिर्ची के बीच 'एक पैसे की भी कीमत की संपत्ति का लेनदेन' नहीं हुआ था
प्रफुल्ल पटेल-इकबाल मिर्ची के बीच हुई कथित लैंड डील की जांच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल द्वारा प्रमोटेड कंपनी और दाऊद इब्राबिम के करीबी गैंगस्टर दिवंगत इकबाल मेमन उर्फ 'मिर्ची' के बीच हुई कथित लैंड डील की जांच कर रहा है।
ये जांच पटेल परिवार द्वारा प्रमोटेड कंपनी मिलनेनियम डेवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मिर्ची परिवार के बीच हुए कानूनी समझौते के मामले में की जा रही है।
ईडी के मुताबिक, प्रफुल्ल पटेल और इकबाल मिर्ची के बीच कथित वित्तीय डील हुई थी। इस डील के तहत मिर्ची परिवार द्वारा मिलेनियम डेवलेपर्स को वर्ली में नेहरू प्लेनेटोरियम के सामने प्राइम लोकेशन पर एक प्लॉट दिया गया था। इस प्लॉट पर मिलेनियम डेवलेपर्स ने एक 15 मंजिला व्यावसायिक और आवासीय इमारत सीजे हाउस का निर्माण किया।
2006-07 में हुई इस डील के तहत सीजे हाउस के दो फ्लोर मेमन परिवार को ट्रांसफर किए गए थे। ईडी के मुताबिक, 14 हजार स्क्वैयर फीट के इन दो फ्लोर्स की कीमत करीब 200 करोड़ रुपये है।