पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के घटक दलों के बीच घमासान की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लोजपा(रा) प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान के साथ-साथ उनके जीजा अरुण भारती के द्वारा बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जाने पर जदयू भडक गई है। ऐसे में जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने मंगलवार को बिना चिराग का नाम लिए उन्हें एक तल्ख नसीहत दे दी। नीरज कुमार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि 'अभिमन्यु बनना आसान है, अर्जुन बनना पड़ता है सीखने के लिए। भूलना नहीं चाहिए, अभिमन्यु सिर्फ प्रवेश करता है, वीरगति भी पाता है।
उन्होंने आगे लिखा है कि इतिहास में नाम जिद से नहीं, कार्य से लिखा जाता है। जो हर बार द्वार तक पहुंचते हैं, वे योद्धा नहीं, द्वारपाल बन जाते हैं।' नीरज ने इशारों में चिराग को जिद्दी बताते हुए सुझाव दिया है कि ऐसे लोग द्वारपाल बनकर सिमट जाते हैं। बता दें कि हाल के दिनों में बिहार में हुई कुछ आपराधिक वारदतों पर चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर बड़ा सवाल उठाया था।
चिराग ने कहा था 'बिहारी अब और कितनी हत्याओं की भेंट चढ़ेंगे? समझ से परे है कि बिहार पुलिस की जिम्मेदारी क्या है?' इतना ही नहीं बिहार के विकास के मापदंड पर पिछड़ा होने को लेकर भी बिना मुख्यमंत्री नीतीश का नाम लिए चिराग ने कहा था 'हमारा बिहार राजनीतिक कारणों से धीरे-धीरे पिछड़ता गया। हम लोग नालंदा यूनिवर्सिटी पर तब गर्व करते थे, जब शिक्षा के महत्व को विश्व नहीं पहचानता था।
लेकिन आज मुझे बहुत दुख होता है कि शिक्षा के लिए हमारे बच्चों को बिहार से बाहर जाना पड़ता है। जबकि वहां शिक्षा जुड़े सारे काम बिहारी ही कर रहे होते हैं। हम बिहार के जिलों को एजुकेशनल हब क्यों नहीं बना सकते? पर्यटन में भी हमारे पास बहुत अवसर है। गयाजी में विश्व भर के पर्यटक आते हैं। उसे हम वर्ल्ड क्लास सिटी के रूप में विकसित कर सकते हैं।
मैं चाहता हूं कि अयोध्या से सीतामढ़ी तक एक ऐसे कॉरिडोर का निर्माण हो कि प्रभु राम का दर्शन करने आया हर इंसान माता सीता का भी दर्शन करने आए। वहीं, बिहार में कानून व्यवस्था पर चिराग पासवान के द्वरा सवाल उठाए जाने पर उनके जीजा अरुण भारती ने एक दिन पहले अपने सोशल मीडिया पर लिखा था कि महाभारत के 4 प्रमुख पात्र जिन्होंने समय का मान नहीं रखा- 1. पितामह भीष्म, 2. महाराज धृतराष्ट्र, 3. महारानी गांधारी, 4. महाराज शकुनि. (नहीं, सभी का सम्मान है। बात सिर्फ समय की है।) जब सब मौन रहे, तब अभिमन्यु, जिसमें अनुभव की कमी थी, चक्रव्यूह में कूदा।
क्योंकि समय का मान रखने के लिए अनुभव नहीं, नव-संकल्प चाहिए।' अरुण भारती के इस पोस्ट ने सियासत में हलचल मचा दी है। माना जा रहा है कि जदयू का शीर्ष नेतृत्व भी लोजपा (रा) नेताओं के हाल के दिनों में नीतीश सरकार पर उठाए सवालों से असहज है।
इसलिए नीरज कुमार ने अब नसीहत देते हुए चिराग का नाम लिए बिना उनकी स्थिति अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसकर खत्म होने वाले योद्धा से की है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भी चिराग पासवान ने जदयू उम्मीदवारों के खिलाफ प्रत्याशी उतारा था जिससे नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा था।