याकूब मेमन की कब्र पर सियासत हुई तेज, एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भाजपा को लिया लपेटे में
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 10, 2022 02:22 PM2022-09-10T14:22:04+5:302022-09-10T14:28:54+5:30
याकूब कब्र विवाद पर एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि याकूब की कब्र को पक्का किये जाने की मंजूरी तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के राज में दी गई थी। इसलिए इसकी जवाबदेही भाजपा की बनती है।
मुंबई: 1993 मुंबई बम धमाके के कुख्यात भगोड़े और मुख्य अपराधी टाइगर मेनन के भाई याकूब मेनन की कब्र को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में चल रहे भूचाल में अब एनसीपी भी कूद पड़ी है। पुणे की यरवदा जेल में फांसी के बाद दक्षिण मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में दफनाये गये याकूब मेनन की कब्र पर लगी लाइट और टाइल्स के विवाद में एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने शुक्रवार को भाजपा को लपेटते हुए आरोप लगाया कि याकूब की कब्र को पक्का किये जाने की मंजूरी तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के राज में दी गई थी। इसलिए इस मामले में सीधी जवाबदेही भाजपा की बनती है।
समाचार वेबसाइट मिड डे के मुताबिक एनसीपी के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा, "यह देखना बहुत आवश्यक है कि याकूब के कब्र का निर्माण कार्य किसके कार्यकाल में किया गया। साल 2015 में जिस समय याकूब की कब्र बनाई गई थी तब केंद्र और महाराष्ट्र में भी भाजपा का शासन थ। इसलिए वे इस विवाद के लिए जिम्मेदार हैं।"
मालूम हो कि बीते दिनों मुंबई भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता राम कदम ने इस विवाद को उठाते हुए आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में याकूब मेमन की कब्र का सुन्दरीकरण किया गया।
दरअसल यह मामला इसलिए सुर्खियों में छा गया क्योंकि भाजपा नेता राम कदम ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की देशभक्ति की निष्ठा पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाते हुए कहा, "जब उद्धव ठाकरे सीएम थे तब क्या पाकिस्तान के इशारे पर 1993 के मुंबई बम धमाकों को अंजाम देने वाले आतंकी याकूब मेमन की कब्र को मजार में बदला गया था, क्या यही उनकी मुंबई के जनता के लिए प्यार और देशभक्ति है?"
याकूब मेमन
— Ram Kadam (@ramkadam) September 7, 2022
कबर befor and after ,
Its because of Udhav‘s blessings ? Or his mumbai love ? pic.twitter.com/JLV36Ng7TP
राम कदम के आरोपों पर शिवसेना ने फौरन पलटवार किया और कहा कि राम कदम को याकूब मेमन के कब्र के बनने का इतिहास जानना चाहिए उसके बाद किसी पर आरोप लगाना चाहिए। मेमन की कब्र 30 जुलाई 2015 को बड़ा कब्रिस्तान में दफनाये जाने के बाद जब बनाई गई तो उस समय भाजपा का शासनकाल था और देवेंद्र फड़नवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे। इसलिए राम कदम को यह सवाल फड़नवीस से पूछना चाहिए न कि शिवसेना पर आरोप लगाया जाना चाहिए।
विवाद में भाजपा-शिवसेना के चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को कहा कि 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन के कब्र के सुंदरीकरण का मामला गंभीर विषय है और इसे किसी भी कीमत पर महिमामंडन नहीं किया जा सकता है।
सीएम शिंदे ने कहा, "मेमन बॉम्बे ब्लास्ट का दोषी था, उसकी कब्र का महिमामंडन नहीं किया जा सकता है। न ये हमें स्वीकार है और न हम ऐसा करने देंगे। इस विषय में मैंने बीएमसी और मुंबई पुलिस को आदेश दिया है और गृह मंत्रालय भी घटना के संबंध में उचित कार्रवाई करेगा।"
सीएम शिंदे के बयान के बाद मुंबई पुलिस फौरन एक्टिव हुई और सीधे दक्षिण मुंबई स्थित बड़ा कब्रिस्तान पहुंची और कब्रिस्तान प्रबंधन से इस मामले में पूछताछ की और याकूब मेमन की कब्र पर सुंदरीकरण के लिए लगाई गई लाइटों को उतरवा दिया।
इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कार्यलय की ओर से बयान जारी करते हुए कहा गया कि मामले की गंभीरता से जांच हो रही है और घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं आरोप पर बड़ा कब्रिस्तान के प्रबंधन ने कहा कि याकूब मेमन की कब्र के सुंदरीकरण की बात बेबुनिया है क्योंकि शब-ए-बारात के कारण पूरे कब्रिस्तान में लाइट का इंतजाम किया गया था। इस्लामिक रिवाज के मुताबिक शब-ए-बारात की रात कब्रों पर रोशनी करने का रिवाज पहले से है।
वहीं भाजपा इसे महाविकास अघाड़ी सरकार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल की घटना बता रही है और एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना से माफी की मांग कर रही है।
भगोड़े टाइगर मेमन का भाई याकूब मेमन 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों के मामले में इकलौता दोषी है, जिसे कोर्ट के आदेश से फांसी की सजा दी है। मामले के अन्य दोषी देश से फरार हैं और सुरक्षा एजेंसियों को अब भी उनकी तलाश है।
दाऊद इब्राहिम के नापाक इरादों में शामिल होते हुए टाइगर मेमन और अन्य गुनहगारों ने 12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक कई बम धमाके किये थे, जिससे न केवल मुंबई बल्कि पूरा देश हिल गया था। उन बम धमाकों में कुल 257 लोग मारे गए थे वहीं 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।