कोलकाता, नौ नवंबर पश्चिम बंगाल में सभी राजनीतिक दलों ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने को कहा और संशोधित सूची में लॉकडाउन के दौरान राज्य में लौटे प्रवासी श्रमिकों को शामिल करने की भी मांग की।
सीईओ ने सोमवार को राज्य में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और 18 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलने वाली मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया पर बातचीत की।
पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अंतिम मतदाता सूची समीक्षा होगी।
राज्य के 78,000 से अधिक बूथों पर यह प्रक्रिया संचालित होगी।
बैठक में शामिल हुए माकपा की केंद्रीय समिति के नेता राबिन देब ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग से कहा कि मतदाता सूची समीक्षा की प्रक्रिया त्रुटिहीन होनी चाहिए ताकि कोई नया मतदाता नहीं छूटे और फर्जी मतदाता या जिनका निधन हो चुका है, उन्हें सूची से हटा दिया जाए।’’
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने उनके सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि चुनाव आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए कि अगले एक महीने मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं करे।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि आयोग को महामारी के बाद की परिस्थितियों में वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए और अतिरिक्त अधिकारियों को तैयार रखना चाहिए।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि राज्य में लॉकडाउन के दौरान लौटे श्रमिकों को नयी मतदाता सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
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