शाहीन बाग में फिर से शुरू हो सकता है CAA विरोधी आंदोलन, भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती
By निखिल वर्मा | Updated: June 4, 2020 12:04 IST2020-06-04T12:04:34+5:302020-06-04T12:04:34+5:30
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में शाहीनबाग आंदोलन बड़ा मुद्दा था. आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर राजनीति करने का आरोप लगाया था.

शाहीनबाग धरनास्थल की फाइल फोटो
देशव्यापी लॉकडाउन में ढील मिलते ही दिल्ली के शाहीनबाग में दोबारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में आंदोलन की तैयारी शुरू होने की खबर है। बुधवार (3 जून) को शाहीनबाग के पुराने धरनास्थल पर हलचल की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस ने भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया। कोरोना वायरस के खतरे के कारण 24 मार्च को दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर बैठे लोगों को हटा दिया था। सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारी, खासकर महिलाएं तीन माह से भी ज्यादा वक्त से शाहीन बाग में धरने पर बैठे थे। उस समय भी प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि कोरोना वायरस को लेकर बने हालात के काबू में आने के बाद प्रदर्शन फिर से शुरू करने के बारे में फैसला किया जाएगा।
हिन्दुस्तान में छपी खबर के अनुसार, अनलॉक-1 की घोषणा होने के साथ ही सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन से जुड़े लोग सक्रिय हो गए हैं। कुछ प्रदर्शनकारी पिछले चार-पांच दिनों से शाहीनबाग और उसके पास के क्षेत्र में धरने से जुड़े लोगों के घरों में बैठक कर रहे थे। इस दौरान प्रदर्शन की तैयारियों की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस मौके पर पहुंची। बुधवार की घटना पर डीसीपी आरपी मीणा ने बताया कि कोई धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ। पुलिस को एहतियातन लगाया गया था। लॉकडाउन के चलते दिल्ली में धारा-144 लागू है। एक जगह पर चार लोगों की एकत्रित होने पर रोक है।
शाहीनबाग के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने धरना खत्म करने के लिए वार्ताकारों की भी नियुक्ति की थी लेकिन वार्ताकार प्रदर्शनकारियों को समझाने में असफल रहे थे। लॉकडाउन में मिली छूट के बाद 22 मई को शाहीनबाग इलाके में पांच महीने बाद खुली हैं।
बता दें कि दिल्ली में अभी कोरोना वायरस का खतरा लगातार बना हुआ है। दिल्ली में कोरोना वायरस से 23645 मामले सामने आए हैं और इससे 606 लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली देश में कोरोना वायरस से प्रभावित तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।