पीएम मोदी की सुरक्षा मामले में पंजाब पुलिस 18 घण्टे में धारा 283 के तहत की FIR, दोषियों पर लग सकता है 200 का जुर्माना
By अनिल शर्मा | Published: January 8, 2022 11:42 AM2022-01-08T11:42:29+5:302022-01-08T11:51:59+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला फिरोजपुर रैलीस्थल जाते समय मोगा-फिरोजपुर हाईवे पर करीब 20 मिनट तक यातायात बाधित होने के कारण रुका रहा। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इसे पीएम मोदी की सुरक्षा व्यवस्था में हुई बड़ी चूक मानते हुए पंजाब के पुलिस प्रमुख से जवाब तलब किया है।
PM Security Breach: पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा 'चूक' मामले में पुलिस ने पंजाब यात्रा के दौरान फिरोजपुर-मोगा राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने और सुरक्षा उल्लंघन के लिए 100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर कुलगरी थाने के एसएचओ बीरबल सिंह की शिकायत पर आईपीसी की धारा 283 (सार्वजनिक मार्ग या नेविगेशन की लाइन में खतरा या बाधा) के तहत मामला दर्ज किया गया है जो दोषियों के खिलाफ 200 रुपए का जुर्माना निर्धारित करता है। पंजाब पुलिस ने ये एफआईआर घटना के 18 घंटे बीत जाने के बाद 6 जनवरी सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर दर्ज की।
प्राथमिकी में कहा गया है कि निरीक्षक को सूचित किया गया कि अज्ञात लोग मोगा-फिरोजपुर मार्ग पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा की रैली में आनेवाले लोगों के लिए रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया था। इनमें वीआईपी भी शामिल थे। कुलगरी थाने के एसएचओ बीरबल सिंह ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए थाने में जाकर मामला दर्ज कराया।
वहीं पंजाब भाजपा सचिव सुखपाल सिंह सरा ने फिरोजपुर पुलिस पर घटना के 18 घंटे बाद एफआईर दर्ज करने का आरोप लगाया और कहा कि 'यह बेहद अजीब है कि देश के पीएम 1.05 बजे फंस जाते हैं और फिरोजपुर पुलिस को इसके बारे में दोपहर 2.30 बजे ही पता चल जाता है। फिर भी उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने में इतना समय लगा दिया।
पंजाब सरकार ने सुरक्षा उल्लंघन पर शुक्रवार को गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया कि राज्य पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
मामले में गृह मंत्रालय की उप सचिव अर्चना वर्मा ने बठिंडा के एसएसपी अजय मलूजा को कारण बताओ नोटिस जारी कर शनिवार शाम तक जवाब देने को कहा है कि पीएम के दौरे के दौरान सुरक्षा चूक पर अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील), नियम, 1969 के तहत कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
1 और 2 जनवरी को हुई बैठकों में बताए गए सुरक्षा चिंताओं पर पर्याप्त रूप से ध्यान दिए बिना रूट क्लीयरेंस दिया गया था। नियम पुस्तिका और स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार, एसपी को वीवीआईपी यात्राओं के दौरान सुरक्षा और रसद के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने और पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करके आकस्मिक योजना बनाने के लिए अनिवार्य किया गया था।
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक नोटिस में कहा गया है कि वायु सेना ने बठिंडा से फिरोजपुर तक सड़क यात्रा के लिए 4 जनवरी को आकस्मिक पूर्वाभ्यास किया था। अगले दिन वीवीआईपी घुड़सवारों की आवाजाही के लिए पर्याप्त सुरक्षा तैनाती नहीं की गई थी क्योंकि राष्ट्रीय शहीद स्थ्ल से लगभग 30 किमी दूर ट्रैक्टर और ट्रॉली के साथ सड़क अवरुद्ध थी।
एसएसपी मलूजा ने कहा कि बठिंडा पुलिस की भूमिका जीदा गांव तक थी और उस दिन यह शांतिपूर्ण था। तीन सदस्यीय एमएचए टीम (जांच टीम) ने शुक्रवार को पंजाब में अपनी जांच शुरू की। कैबिनेट सचिवालय में सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना के नेतृत्व में टीम ने हुसैनीवाला, बीएसएफ सेक्टर मुख्यालय और भिसियाना हवाई अड्डे पर शहीदों के स्मारक का दौरा किया।