मुंबईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रथम लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लता मंगेशकर के पिता मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की 80वीं पुण्यतिथि पर लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर परिवार के लोग शामिल हुए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार कलाई सुनी रह जाएगी। दीदी राखी पर नहीं होंगी। लता दीदी उम्र और कर्म दोनों में बड़ी थीं। उन्होंने कहा कि वह इसे सभी भारतीयों को समर्पित कर रहे हैं। लता दीदी मेरे लिए बड़ी बहन की तरह थीं, कई दशक बाद आने वाला रक्षाबंधन का त्योहार उनके बिना होगा
मंगेशकर परिवार और मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि उन्होंने लता मंगेशकर के सम्मान और स्मृति में इस वर्ष से पुरस्कार की शुरुआत करने का निर्णय लिया है, जिनका फरवरी में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
प्रधानमंत्री मोदी मुंबई में महान गायिका के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे, जिन्हें वे अपनी बड़ी बहन मानते थे। लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार हर साल केवल एक व्यक्ति को दिया जाएगा जिसने राष्ट्र, उसके लोगों और समाज के लिए अनुकरणीय योगदान दिया है।
बयान में कहा गया है, ''हम यह घोषणा करते हुए प्रसन्न और सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि प्रथम पुरस्कार विजेता कोई और नहीं बल्कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।'' बयान के अनुसार मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार का उद्देश्य संगीत, नाटक, कला, चिकित्सा और सामाजिक कार्य के क्षेत्र के दिग्गजों को सम्मानित करना है।
मंगेशकर परिवार ने बयान में कहा दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख और जैकी श्रॉफ को ''सिनेमा के क्षेत्र में समर्पित सेवाओं'' के लिए मास्टर दीनानाथ पुरस्कार (विशेष सम्मान) प्रदान किया जाएगा। राहुल देशपांडे को भारतीय संगीत के लिए मास्टर दीनानाथ पुरस्कार मिलेगा, जबकि सर्वश्रेष्ठ नाटक का पुरस्कार ''संजय छाया'' नाटक को दिया जाएगा।