PM Narendra Modi Interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में काफी व्यस्त हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट हैं। भाजपा नेतृत्व लगातार रैली कर रहा है। इस बीच लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकमत ग्रुप को खास इंटरव्यू दिया। लोकमत समूह के सह-प्रबंध निदेशक और संपादकीय निदेशक ऋषि दर्डा, समूह संपादक विजय बाविस्कर, मुंबई संस्करण के संपादक अतुल कुलकर्णी और लोकमत के वीडियो संपादक आशीष जाधव ने प्रधानमंत्री से कई मुद्दों पर बात की। साक्षात्कार पीएम आवास पर आयोजित किया गया...
पिछली बार महाराष्ट्र ने आपको 41 सीटों पर जीत दिलाई थी. इस बार महाराष्ट्र से आपको क्या अपेक्षा है?
एनडीए के विकास पर आधारित दृष्टिकोण को महाराष्ट्र ने हमेशा समर्थन दिया है. मैं उनके आशीर्वाद के लिए बहुत कृतज्ञ हूं. उनके विश्वास को सार्थक बनाने के लिए और उनकी उन्नति के लिए हमने विविध उपक्रम हाथ में लिए हैं. लातूर में मराठवाड़ा रेलवे कोच फैक्टरी, बडनेरा में वैगन मरम्मत और वंदे भारत की कुर्सियों की देखभाल के लिए पुणे में शुरू किए गए वर्कशॉप के कारण अनेक नौकरियां सृजित हुई हैं. इससे देश भी आत्मनिर्भर हुआ है. अटल सेतु जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना हमने पूरी की है. लोगों को लग रहा है कि इससे हमारी जिंदगी और आसान हुई है. महाविकास आघाड़ी और पूर्व में केंद्र में रही यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को महाराष्ट्र की जनता ने देखा है. महाराष्ट्र के लोगों को अब घोटाले नहीं चाहिए. उनको अच्छी योजनाएं चाहिए. केवल अपना महिमामंडन करने के लिए काम करने वाले लोग महाराष्ट्र की जनता को नहीं चाहिए. जनहितार्थ योजनाएं जनता को चाहिए. इसलिए इस बार महाराष्ट्र की जनता हमको पिछली बार से बड़ी जीत देगी.
विपक्ष आपकी आलोचना करता है. वर्तमान में महाराष्ट्र में अनेक पार्टियां हैं. फिर ऐसा क्यों लगता है कि लोग आपकी ही पार्टी को मतदान करेंगे?
हमने जनसामान्य की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए अनेक उपयोगी योजनाएं तैयार कीं और उनको सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया. आयुष्यमान भारत योजना के अंतर्गत लोगों को मिलने वाले मुफ्त उपचार, जनऔषधि अंतर्गत सस्ती दरों में मिलने वाली दवाएं, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मिले घर, जलजीवन मिशन अंतर्गत लोगों को मिलने वाले पीने के स्वच्छ पानी, पीएस किसान योजना के अंतर्गत किसानों को सीधे मिलने वाली आर्थिक सहायता आदि अनेक योजनाएं मेरी और मेरी सरकार की उपलब्धियां हैं. यह सभी कार्य हमने किए हैं.
कांग्रेस का आरोप है कि देश में विभाजन पैदा किया जा रहा है?
हमने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय कार्य किए हैं. इसके विपरीत आप ‘इंडी आघाड़ी’ का काम देखें. विपक्ष के पास कोई सकारात्मक विचार नहीं है. विपक्ष का एजेंडा लोगों में विभाजन पैदा करना, भेदभाव करना और लोगों को लूटना ही है. विपक्ष ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की है. अब वह वोटबैंक की राजनीति के लिए समाज के वंचित वर्गों का संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार भी छीन लेने का प्रयास कर रहा है. लोगों को हमारी विकसित भारत की संकल्पना की जानकारी है. इंडी आघाड़ी की एक भी पार्टी विकसित भारत की बात करती है क्या? आप ही इसका मुझे जवाब दें..
आपका आराेप है कि विपक्ष के पास प्रधानमंत्री पद का चेहरा नहीं है...
हमारे गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का चेहरा अत्यंत स्पष्ट है. इंडी गठबंधन का वास्तविक नेता काैन है, क्या इसकी काेई जानकारी है? मुझे विश्वास है कि किसी अनजान, बिना विश्वास वाले व्यक्ति के हाथाें में महाराष्ट्र की जनता अपना भविष्य नहीं साैंपेगी.
राजनीति अलग और परिवार अलग, आप बड़े हैं, क्या आपकाे इस बात का अंदाजा नहीं था कि अजित पवार काे साथ लेने की वजह से पवार परिवार टूट जाएगा? भाजपा के साथ आने के लिए क्या शरद पवार के साथ कभी चर्चा हुई थी?
शरद पवार अत्यंत वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में अथवा उनके परिवार में जाे कुछ हुआ, उसका उत्तर वही दे सकते हैं. लेकिन, जिन्हें ‘राष्ट्र प्रथम’ और विकास पर आधारित राजनीति करनी है, उनके लिए एनडीए के दरवाजे हमेशा खुले हैं. अजित पवार हाें, या एकनाथ शिंदे, वे एनडीए में आए क्याेंकि विरोधियाें की नकारात्मक राजनीति से वे तंग आ गए थे. वे इस बात काे लेकर आश्वस्त हुए कि हमारा देश अब उचित तरीके से विकास कर रहा है. इसी वजह से वे हमारे साथ आए.
लेकिन शरद पवार ने टिप्पणी की है कि भविष्य में छाेटे दल कांग्रेस में विलीन हाे जाएंगे. आप इसे कैसे देखते हैं..?
मुझे शरद पवार काे लेकर आश्चर्य हाेता है. वे कहते हैं कि भविष्य में छाेटे दलाें काे कांग्रेस में विसर्जित हाे जाना चाहिए. क्या इससे बारामती के चुनाव के संबंध में कुछ संकेत मिल रहे हैं? अथवा जिस पद्धति से संपूर्ण राज्य मतदान कर रहा है, क्या इसे देखकर उन्हें नैराश्य आ गया है? वरना, जिन शरद पवार ने कांग्रेस काे छाेड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई, वही शरद पवार अब फिर से उसी कांग्रेस में विलीन हाेने की बात क्याें कर रहे हैं? मेरे सामने ही यह सवाल खड़ा है.