PM Narendra Modi Interview: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तीन चरण का मतदान खत्म हो गया है। चौथे चरण के लिए कल वोट डाले जाएंगे। देश में 7 चरण में चुनाव हो रहा है और मतगणना 4 जून को है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकमत ग्रुप को खास इंटरव्यू दिया। लोकमत समूह के सह-प्रबंध निदेशक और संपादकीय निदेशक ऋषि दर्डा, समूह संपादक विजय बाविस्कर, मुंबई संस्करण के संपादक अतुल कुलकर्णी और लोकमत के वीडियो संपादक आशीष जाधव ने प्रधानमंत्री से कई मुद्दों पर बात की। साक्षात्कार पीएम आवास पर आयोजित किया गया...
विपक्ष कह रहा है कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो संविधान बदल देगी, आप समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार के दौरान इस मुद्दे को झुठलाने की कोशिश की है. लेकिन, विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है. ऐसा क्यों?
एक बात ध्यान रखें कि मोदी आज जो भी हैं सिर्फ और सिर्फ बाबासाहब के संविधान की वजह से हैं. ऐसा सशक्त और सक्षमकारक संविधान व लाेकतंत्र के सिवाय मेरे जैसा सामान्य कार्यकर्ता प्रधानमंत्री पद तक पहुंच ही नहीं सकता. यह सब अपने संविधान की उपलब्धि है. इसलिए यदि आप इसे तर्क के चश्मे से देखें, तो संविधान और लोकतंत्र की पवित्रता की रक्षा करना मेरे अपने हित में है, जो मैं ईमानदारी से कर रहा हूं. क्या आपने सोचा है कि हमारे संविधान और लोकतंत्र का उल्लंघन किसके कार्यकाल में ज्यादा हुआ? ये सारे पाप कांग्रेस के कार्यकाल में ही ज्यादा पैमाने पर हुए हैं. बिना किसी रोक-टोक के राज्य सरकारों को बर्खास्त करने का सबसे ज्यादा काम कांग्रेस ने ही किया है. कांग्रेस के इतिहास में ऐसी घटनाओं को विफल करने के 100 उदाहरण मिल जाएंगे. कांग्रेस का इतिहास लोग भूले नहीं हैं. इसलिए कोई भी कांग्रेस या इंडी गठबंधन के इस प्रचार पर भराेसा करने को तैयार नहीं है.
क्या मुफ्त खाद्यान्न योजना से लोगों को फायदा हो रहा है?
यह योजना इसलिए बनाई गई है ताकि देश में कोई भी गरीब भूखा न रहे. यह योजना उन लोगों के लिए वरदान है जो गरीब हैं. उन्हें भूखा न रहना पड़े इसके लिए यह योजना है. साथ ही, यह योजना उन लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है जिन्होंने गरीबी का अनुभव किया है और जो गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके हैं. इन लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर आने के लिए मदद की जरूरत रहती है. एक दृढ़ समर्थन की चाहिए हाेता है. मुफ्त खाद्यान्न योजना यह जरूरत पूरी करती है. भूखे लोगों को इसके जरिये भोजन मिलता है. देश में काेई भी गरीब भूखा नहीं रहता. घर का चूल्हा जलाता रहे, इसलिए पैसे देकर अनाज खरीदने की आवश्यकता को यह योजना कम करती है. इसका मतलब यह है कि इस योजना की वजह से केवल पेट की आग बुझाने के लिए कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं रहती. इस योजना की बड़ी सफलता यह है कि गरीब लोग सिर्फ अनाज के लिए कर्ज के जाल में नहीं फंसते. जैसे-जैसे गरीब मध्यम वर्ग की ओर बढ़ेंगे, वैसे-वैसे इस योजना की मांग अपनेआप कम हाेती जाएगी.
आपकी सरकार ने इस प्रक्रिया में मूल रूप से क्या बदलाव किया?
2014 में सत्ता परिवर्तन के बाद हमारी सरकार ने दो स्तरों पर कार शुरू किया. हमने गरीबों को सक्षम बनाने के कार्य को प्रधानता दी. उनके लिए स्वच्छता अभियान शुरू किया गया. उनके घरों तक बिजली पहुंचाई गई, आर्थिक समायोजना जैसी व्यवस्था खड़ी की गई. इन सबके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाने के लिए नीतियों में यथायोग्य संशोधन भी किया गया. बीते 10 वर्षों में देश के 25 करोड़ से अधिक परिवार गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके हैं. उनके जीवनस्तर में सुधार हुआ है. अर्थव्यवस्था के वैश्विक सूची में हम 11वें स्थान पर थे. वहां से हम अब 5वें पायदान पर हैं. हमारी सरकार द्वारा किए गए सुधारों की बदौलत उत्पादन क्षेत्र से लेकर स्टार्ट अप्स तक या इन जैसे अनेक क्षेत्रों को नवसंजीवनी मिली है. छोटे खिलौनों से चंद्रयान तथा वंदे भारत से लेकर मोबाइल, ड्रोन, विमानों के निर्माण समेत कई अन्य क्षेत्रों में अपना देश आत्मनिर्भर हो गया है.