मथुरा: पीएम मोदी ने प्लास्टिक कचरे से मुक्ति, ग्रामीण स्टार्ट अप और पशुधन समेत कई कार्यक्रमों को दी हरी झंडी
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: September 11, 2019 12:37 PM2019-09-11T12:37:37+5:302019-09-11T13:23:49+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान में आयोजित पशुधन आरोग्य मेले में शिरकत की और कई कार्यक्रमों की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मथुरा के दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान में आयोजित पशुधन आरोग्य मेले में शामिल होकर कई कई जन-उपयोगी कार्यक्रमों की शुरुआत की। पीएम मोदी ने इस मौके पर राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) लॉन्च किया। कार्यक्रम का उद्देश्य पशुओं के पैरों और मुंह की बीमारियों और ब्रुसेलोसिस को मिटाना है।
पीएम मोदी उन महिलाओं से भी मिले जो कचरे से प्लास्टिक बीनने का काम करती हैं। पीएम मोदी के कार्यक्रमों में एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक के खिलाफ अभियान शामिल है।
पीएम मोदी ने राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मथुरा की सांसद हेमा मालिनी भी मौजूद रहे।
मथुरा में पीएम मोदी की कही बड़ी बातें:
''नए जनादेश के बाद कान्हा की नगरी में पहली बार आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस बार भी पूरे उत्तर प्रदेश का पूरा आशीर्वाद मुझे और मेरे साथियों को प्राप्त हुआ है। देशहित में आपके इस निर्णय के लिए में ब्रजभूमि से आपके सामने शीश झुकाता हूं।
आप सभी के आदेश के अनुरूप बीते 100 दिन में हमने अभूतपूर्व काम करके दिखाया है। मुझे विश्वास है कि देश के विकास के लिए आपका ये समर्थन और आशीर्वाद हमें मिलता रहेगा।
जन्मभूमि ने हमेशा से ही पूरे विश्व और पूरी मानवता को प्रेरित किया है। आज पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण के लिए रोल मॉडल ढूंढ रहा है। लेकिन भारत के पास भगवान श्रीकृष्ण जैसा प्रेरणा स्रोत हमेशा से रहा है, जिनकी कल्पना ही पर्यावरण प्रेम के बिना अधूरी है।
प्रकृति, पर्यावण और पशुधन के बिना जितने अधूरे खुद हमारे आराध्य नजर आते हैं उतना ही अधूरापन हमें भारत में भी नजर आएगा। पर्यावण और पशुधन हमेशा से ही भारत के आर्थिक चिंतन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
स्वच्छ भारत हो, जल जीवन मिशन हो या फिर कृषि और पशुपालन को प्रोत्साहन। प्रकृति और आर्थिक विकास में संतुलन बनाकर ही हम सशक्त और नए भारत के निर्माण की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।
आज स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत हुई है, नेशनल एनीमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को भी लॉन्च किया गया है। पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण, डेरी उद्योग और कुछ अन्य परियोजनाएं भी शुरु हुई हैं। इसके अलावा मथुरा के इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन से जुड़े कई परियोजनाओं शुभारंभ भी हुआ है।
महात्मा गांधी 150 ये प्रेरणा का वर्ष है। स्वच्छता ही सेवा के पीछे भी यही भावना छुपी हुई है। आज से शुरू हो रहे इस अभियान को इस बार विशेष तौर पर प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए समर्पित किया गया है।
प्लास्टिक से होने वाली समस्या समय के साथ गंभीर होती जा रही है।
— BJP (@BJP4India) September 11, 2019
आप ब्रजवासी तो अच्छी तरह जानते है कैसे प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रही है।
इसी तरह नदियां, तालाबों में रहने वाले प्राणियों का वहां की मछलियों का प्लास्टिक को निगलने के बाद जिन्दा बचना मुश्किल हो जाता है: पीएम pic.twitter.com/M0H7gHXvT4
अब सिंगल यूज प्लास्टिक से हमें छुटकारा पाना ही होगा। हमें कोशिश करनी है कि 2 अक्टूबर तक अपने दफ्तरों, घरों और अपने आस पास के वातावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना है।
मैं देश भर के गांव-गांव में काम कर रहे हर सेल्फ हेल्प ग्रुप से, सामाजिक संगठनों से, युवा मंडलों से, महिला मंडलों से, क्लबों से, स्कूलों और कॉलेजों से, सरकारी और निजी संस्थानों से, हर व्यक्ति हर संगठन से इस अभियान से जुड़ने का आग्रह करता हूं।
स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के साथ ही कुछ परिवर्तन हमें अपनी आदतों में भी करने होंगे।
हमें ये तय करना है कि हम जब भी बाजार में कुछ भी खरीददारी करने जाए, तो साथ में कपड़े या जूट का झोला जरूर ले जाएं।
पैकिंग के लिए दुकानदार प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें।
पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़ा एक विषय है जल संकट। जल संकट का उपाय है- जल जीवन मिशन। इस मिशन के तहत जल संरक्षण और हर घर जल पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है। इसका बहुत बड़ा लाभ गांवों में रहने वालों को, किसानों को मिलेगा। इससे माताओं-बहनों को सुविधा मिलेगी।
किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और दूसरे व्यवसायों की भी बहुत बड़ी भूमिका है।
पशुपालन हो, मछली पालन हो या मधुमक्खी पालन, इन पर किया गया निवेश ज्यादा कमाई कराता है।
इसके लिए बीते 5 वर्षों में कृषि से जुड़े दूसरे विकल्पों पर हम एक नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े हैं।
पशुधन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य से लेकर डेयरी प्रोडक्ट्स की वैरायटी को विस्तार देने के लिए जो भी जरूरी कदम थे, वो उठाए गए हैं। दुधारु पशुओं की गुणवत्ता के लिए पहले राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरु किया गया और इस वर्ष देश पशुओं की उचित देखरेख के लिए कामधेनु आयोग बनाने का निर्णय हुआ।
इसी नई एप्रोच का परिणाम है कि 5 साल के दौरान दूध उत्पादन में करीब 7% की वृद्धि हुई है। किसानों, पशुपालकों की आय में करीब 13% की वृद्धि दर्ज की गई है।
पशुधन को लेकर सरकार कितनी गंभीर है कि सरकार के 100 दिनों में जो बड़े फैसले लिए गए, उनमें से एक पशुओं के टीकाकरण से जुड़ा है। इस अभियान को विस्तार देते हुए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
इस टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 51 करोड़ गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअरों को साल में 2 बार टीके लगाए जायेंगे। जिन पशुओं का टीकाकरण पूर्ण हो जायेगा, उन्हें पशु आधार देकर उनके कानों में टैग लगाया जायेगा।
भारत के डेयरी सेक्टर को विस्तार देने के लिए हमें नई तकनीक की जरुरत है। ये इनोवेशन हमारे ग्रामीण समाज से भी आएं इसीलिए आज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज की शुरुआत कर रहा हूं।
PM Shri @narendramodi launches multiple development projects in Mathura, UP. https://t.co/Bzko1ekXns
— BJP (@BJP4India) September 11, 2019
हमें समाधान खोजने हैं कि हरे चारे की उचित व्यवस्था कैसे सुनिश्चित हो, उन्हें भी पोषक आहार कैसे मिले? प्लास्टिक की थैलियों का सस्ता और सुलभ विकल्प क्या हो सकता है? ऐसे अनेक विषयों का हल देने वाले स्टार्ट अप शुरू किए जा सकते हैं।
आज आतंकवाद एक विचारधारा बन गई है, जो किसी सरहद से नहीं बंधी है। ये एक Global problem है, जिसकी मजबूत जड़ें हमारे पड़ोस में फल-फूल रही हैं।
आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत पूर्ण रूप से सक्षम है और हमने करके दिखाया भी है।
पर्यावरण और पशुधन हमेशा से भारत के आर्थिक चिंतन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यही कारण है कि चाहे स्वच्छ भारत हो, जल जीवन मिशन हो या कृषि और पशुपालन को प्रोत्साहन... प्रकृति और आर्थिक विकास में संतुलन बनाकर ही हम सशक्त और नए भारत के निर्माण की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।''