फ्रांस दौरे पर पीएम मोदी ने कहा- 'आजकल हम 21वीं सदी के इंफ्रा की बात करते हैं, इन प्लस फ्रा यानी इंडिया और फ्रांस का अलायंस'
By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: August 23, 2019 16:04 IST2019-08-23T14:35:39+5:302019-08-23T16:04:15+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने फ्रांस के दौरे पर राजधानी पेरिस से प्रवासियों समेत भारतीय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों और भारत-फ्रांस के संबंधों पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र। (फोटो- एएनआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस पहुंचे हैं। शुक्रवार (23 अगस्त) को पीएम मोदी ने राजधानी पेरिस से अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए आने वाले वर्षों के लिए भी विजन बताया। वह भारतीय समुदाय के बीच बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ''जब मैं 4 साल पहले फ्रांस आया था, तो हजारों की संख्या में भारतीयों से संवाद का अवसर मिला था। मुझे याद है, तब मैंने आपसे एक वादा किया था। मैंने कहा था कि भारत आशाओं और आकांक्षाओं के नए सफर पर निकलने वाला है।
आज जब आपके बीच आया हूं तो कह सकता हूं कि हम न सिर्फ उस सफर पर निकल पड़े, बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सामूहिक प्रयासों से भारत तेज़ गति से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि इस बार फिर देशवासियों ने अधिक प्रचंड जनादेश देकर हमारी सरकार को समर्थन दिया है।
ये जनादेश सिर्फ एक सरकार चलाने के लिए नहीं, बल्कि नए भारत के निर्माण के लिए है। ऐसा नया भारत जिसकी समृद्ध सभ्यता और संस्कृति पर पूरे विश्व को गर्व हो, और जो 21वीं सदी को लीड करे। ऐसा नया भारत जिसका फोकस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर हो और जो ईज ऑफ लिविंग भी सुनिश्चित करे।
पूरी दुनिया में, एक तय समय में सबसे ज्यादा बैंक अकाउंट अगर किसी देश में खुले हैं, तो वो भारत है। पूरी दुनिया की अगर आज सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस स्कीम किसी देश में चल रही है, तो वो भारत है।
ये भी सच है कि पिछले पांच सालों में हमने देश से अनेक कुरीतियों को रेड कार्ड भी दे दिया है।
आज नए भारत में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद, जनता के पैसे की लूट, आतंकवाद पर जिस तरह लगाम कसी जा रही है, वैसा कभी नहीं हुआ।
नई सरकार बनते ही जल शक्ति के लिए एक नया मंत्रालय बनाया गया, जो पानी से संबंधित सारे विषयों को होलिस्टिकली देखेगा।
गरीब किसानों और व्यापारियों को पेंशन की सुविधा मिले, इसका भी फैसला लिया गया।
ट्रिपल तलाक की अमानवीय कुरीति को खत्म कर दिया गया है।
इसी तरह चाइल्ड प्रोटेक्शन और हेल्थ के क्षेत्र में भी सरकार ने अहम फैसले लिए हैं।
आज इस बात की भी बहुत चर्चा है कि इस बार हमारी संसद का सत्र पिछले 6 दशकों में सबसे ज्यादा प्रोडेक्टिव था।
हमने इंपेरियलिज्म, फासिज्म और एक्ट्रीमिज्म का मुकाबला भारत में ही नहीं, बल्कि फ्रांस की धरती पर भी किया है।
हमारी दोस्ती ठोस आदर्शों पर बनी है। दोनों देशों के चरित्र का निर्माण ‘लिबर्टी, इक्वलिटी और फ्रेटरनिटी’ के साझा मूल्यों से हुआ है।
आज अगर भारत और फ्रांस दुनिया के बड़े खतरों से लड़ने में नजदीकी सहयोग कर रहे हैं तो उसका कारण भी यह साझा मूल्य ही है। चाहे वह आंतकवाद हो या फिर क्लाइमेट चेंज।
लोकतंत्र के मूल्यों को इन खतरों से बचाने की हमारी कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी को हमने भली भांति स्वीकारा है।
भारत फ्रांस संबंधों की दूसरी विशेषता है कि हम चुनौतियों का सामना ठोस कार्रवाई से करते हैं।
दुनिया में क्लाइमेट चेंज की बातें तो बहुत होती है मगर उन पर एक्शन होता हुआ कम ही दिखाई देता है।
हमने राष्ट्रपति मेंक्रों के साथ मिलकर इंटरनेशनल सोलर अलायंस की पहल की।
आजकल हम 21वीं सदी के इंफ्रा की बात करते हैं।
इन प्लस फ्रा यानी इंडिया और फ्रांस का अलायंस।
सोलर इंफ्रा से लेकर सोशल इंफ्रा तक,
टेक्निकल इंफ्रा से लेकर स्पेस इंफ्रा तक,
डिजिटल इंफ्रा से लेकर डिफेंस इंफ्रा तक,
भारत और फ्रांस का अलायंस का अलायंस मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
मुझे बताया गया है कि गणपति महोत्सव पेरिस के कल्चरल कैलेंडर की मुख्य विशेषता बन गया है।
इस दिन पेरिस मिनी इंडिया में बदल जाता है। यानि अब से कुछ दिन बाद ही यहां गणपति बप्पा मौर्या की गूंज भी सुनाई देगी।