नई शिक्षा नीति में पढ़ने से ज्यादा सीखने पर जोर, शिक्षा में सरकारी दखल कम से कम होना अच्छा: पीएम मोदी
By विनीत कुमार | Published: September 7, 2020 11:04 AM2020-09-07T11:04:46+5:302020-09-07T11:04:46+5:30
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई नीति सभी स्वीकार कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि गांव के शिक्षक से लेकर बड़े-बड़े शिक्षाविद तक को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अपनी शिक्षा शिक्षा नीति जैसी लग रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार का दखल जितना कम से कम हो, उतना अच्छा है। पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि नई शिक्षा नीति में पढ़ने से ज्यादा सीखने पर महत्व दिया गया है।
उन्होंने कहा, 'देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र , राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं। लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए।'
The #NewEducationPolicy focuses on learning instead of studying and goes ahead of the curriculum to focus on critical thinking. In this policy, we have stressed on passion, practicality and performance: PM Modi at Governor's Conference pic.twitter.com/9rUfKtXuCS
— ANI (@ANI) September 7, 2020
पीएम मोदी ने साथ ही कहा, 'जितने अधिक शिक्षक और माता-पिता शिक्षा नीति से जुड़ेंगे, उतने ही स्टूडेंट भी जुड़ेंगे और इसकी अधिक प्रासंगिकता होगी।'
पीएम ने आगे कहा, 'नई शिक्षा-नीति पर पिछले चार से पांच साल से कम चल रहा था। लाखों लोगों ने अपने-अपने सुझाव दिए थे। इसके ड्राफ्ट पर अलग-अलग पॉइंट पर 2 लाख से अधिक लोगों ने सुझाव दिए थे। गांव के शिक्षक से लेकर बड़े-बड़े शिक्षाविद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति अपनी शिक्षा नीति लग रही है।
पीएम मोदी ने कहा दुनिया आज के दौर में भविष्य में तेजी से बदलते जॉब्स, नेचर ऑफ वर्क को लेकर चर्चा कर रही है। नई शिक्षा नीति देश के युवाओं को शिक्षा और स्किल्स दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि ये शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है, ये देश की शिक्षा नीति है। जैसे विदेश नीति देश की नीति होती है, रक्षा नीति देश की नीति होती है, वैसे ही शिक्षा नीति भी देश की ही नीति है।
राज्यपालों के इस सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हैं। कोरोना संकट के कारण इस सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी थी। यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और यह 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई), 1986 की जगह लेगी।