पीएम मोदी ने संसद की संयुक्त बैठक में कहा, "भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा, देश के लिए सिर्फ दिल चाहिए"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 19, 2023 01:55 PM2023-09-19T13:55:43+5:302023-09-19T13:58:29+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में संसद के विशेष सत्र शुरू होने से पूर्व मंगलवार को कहा कि देश के सभी सांसद मिलकर विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए नए भवन में प्रवेश करने जा रहे हैं।

पीएम मोदी ने संसद की संयुक्त बैठक में कहा, "भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा, देश के लिए सिर्फ दिल चाहिए"
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में संसद के विशेष सत्र शुरू होने से पूर्व मंगलवार को कहा कि देश के सभी सांसद मिलकर विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए नए भवन में प्रवेश करने जा रहे हैं।
समाचार वेबसाइट एएनआई के अनुसार लोकसभा और राज्यसभा के नए भवन में जाने से पहले संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आज, हम नए संसद भवन में एक नए भविष्य की शुरुआत करने जा रहे हैं। आज हम विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए एक साथ नए भवन में जा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को एक बड़े कैनवास पर काम करना होगा। संसद में जो भी कानून बनाए जाएंगे और जो बी बहस की जाएगी, उसका उद्देश्य भारतीय आकांक्षाओं को प्रोत्साहित करना होगा। पीएम मोदी ने कहा, ''अगर हम अपनी सोच का दायरा बड़ा नहीं कर पाएंगे तो भव्य भारत की तस्वीर भी नहीं बना पाएंगे।''
प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा, "देश की आजादी के अमृत काल के 25 वर्षों में भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा। हमारे लिए छोटे मुद्दों में उलझे रहने का समय समाप्त हो गया है। सबसे पहले हमें आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को पूरा करना होगा। यह समय की मांग है और यही हर किसी का कर्तव्य है। पार्टियां इसके रास्ते में कभी नहीं आतीं। देश के लिए सिर्फ दिल चाहिए।''
उन्होंने कहा, "संसद में बना हर कानून, संसद में हुई हर चर्चा, संसद द्वारा दिया गया हर संकेत भारतीय आकांक्षा को प्रोत्साहित करने वाला होना चाहिए। हर भारतीय की अपेक्षा को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। यहां जो भी सुधार होंगे, वो भारत की आकांक्षा होनी चाहिए। हमारी प्राथमिकता यही होनी चाहिए। क्या कभी कोई छोटे कैनवास पर बड़ी तस्वीर बना सकता है? जिस तरह हम छोटे कैनवास पर बड़ी तस्वीर नहीं बना सकते, उसी तरह अगर हम अपनी सोच के कैनवास को बड़ा नहीं कर सकते तो भला कैसे हम भव्य भारत की तस्वीर बना पाएंगे।"
इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी की सांसद मेनका गांधी ने कहा कि संसद सदस्य होना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी साथ जुड़ी है क्योंकि उसमें लाखों मतदाताओं के विश्वास की रक्षा करनी होती है और यह कार्य अटूट प्रतिबद्धता, नैतिक ईमानदारी और साहस की मांग करता है।
मौजूदा लोकसभा सांसदों में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली मेनका गांधी ने कहा कि उन्होंने 32 साल की उम्र में एक सांसद के रूप में संसद में प्रवेश किया था और उन्होंने अपना अधिकांश वयस्क जीवन इस संस्थान में बिताया है और उन्होंने सात प्रधानमंत्रियों और भव्य इतिहास को आकार देते देखा है।
उन्होंने कहा, “यह आज एक ऐतिहासिक दिन है और मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा होने पर गर्व है। हम एक नई इमारत में जा रहे हैं और उम्मीद है कि यह भव्य इमारत नए भारत की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी। आज मुझे लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद के रूप में इस सम्मानित सभा को संबोधित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मैंने अपना अधिकांश वयस्क जीवन इस संस्थान में बिताया है और मैंने सात प्रधानमंत्रियों और भव्य इतिहास को आकार देते हुए देखा है।"