पीएम का 2019 का पहला इंटरव्यू : लोकसभा चुनावों के लिए एजेंडा सेट, RSS और VHP को झटका?
By विकास कुमार | Published: January 1, 2019 06:22 PM2019-01-01T18:22:04+5:302019-01-01T18:48:34+5:30
एएनआई के एडिटर स्मिता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में राम मंदिर को लेकर अध्यादेश लाने की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर संवैधानिक तरीके से ही बनेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 के पहले ही दिन न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में तमाम मुद्दों पर अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने राम मंदिर से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक और उर्जित पटेल से लेकर नोटबंदी तक सभी मुद्दों पर खुल कर अपनी बातें रखी हैं. उन्होंने एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में राम मंदिर को लेकर अध्यादेश लाने की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर संवैधानिक तरीके से ही बनेगा.
पीएम मोदी ने पाकिस्तान के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा है कि पाकिस्तान एक लड़ाई से सुधर जायेगा, यह सोचना हमारी सबसे बड़ी गलती होगी. पाकिस्तान को अभी सुधरने में और वक्त लगेगा. उन्होंने साफ इशारा किया है कि अभी पाकिस्तान को सुधारने के लिए उनकी सरकार और भी कदम उठा सकती है. उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर उन्होंने उनका निजी कारण बताया और साथ ही कहा कि सरकार कभी नहीं चाहती थी कि वो इस्तीफा दें.
संघ और विहिप को झटका
राम मंदिर को लेकर संघ, भाजपा के कार्यकर्ता और नेताओं को पीएम मोदी से बड़े बयान की उम्मीद थी. उन्हें लगता था कि पिछले कुछ समय से इस मुद्दे पर मौन धारण करने वाले उनके वैचारिक सिपाही नरेद्र मोदी इस मुद्दे पर कुछ बड़ा एलान कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्होंने संवैधानिक प्रक्रिया को ही सबसे बेहतर रास्ता बताया. क्या इससे संघ और बीजेपी के कार्यकर्ता नाराज हो सकते हैं? लेकिन मोदी ने यह जोखिम यह उठाया है.
हिंदूत्व बनाम राष्ट्रवाद
तीन राज्यों में भाजपा की हार के बाद नरेन्द्र मोदी को यह अंदेशा हो गया है कि राम मंदिर अब भाजपा को वोट दिलाने की ताकत नहीं रखता है. इस मुद्दे ने अपनी चमक खो दी है. भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं के लिए बड़ा मुद्दा हो सकता है लेकिन देश के आम लोगों के लिए यह अप्रासंगिक हो चुका है. पाकिस्तान पर प्रहार और नोटबंदी को देश हित में बताना इसी प्रयास का हिस्सा है.
इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी ने अपने सरकार की योजनाओं का जिक्र किया और जनता को उससे पहुंचने वाले लाभ के जरिये चुनाव में लोगों तक पहुंचेंगे. नरेन्द्र मोदी ने राज्यों की हार को लेकर एंटी-इनकमबेंसी को जिम्मेवार ठहराया. और उन्होंने कहा कि हम इस पर चर्चा कर रहे हैं. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 180 सीटें मिलने के सवाल को उन्होंने विपक्ष का प्रपंच बताया.
नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर भी जबरदस्त हमला बोला है. वंशवाद और भाई-भतीजावाद का जनक बताया. लेकिन हिंदूत्व के सबसे ज्वलंत मुद्दे पर नरेद्र मोदी की तरफ से ठंडी प्रतिक्रिया मिलने से संघ और विश्व हिन्दू परिषद को करार झटका लगा है, क्योंकि हाल के दिनों में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई मौकों पर सरकार पर राम मंदिर पर आगे बढ़ने को लेकर दबाव बनाया था. लेकिन यह असफल होती हुई दिख रही है.