प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में विपक्ष पर जमकर हमला किया. उन्होंने संसद के मानसून सत्र को सुचारू रूप से नहीं चलाने देने का आरोप विपक्ष पर लगाया. भाजपा सांसदों की बैठक में उन्होंने कहा कि विपक्ष संसद का बार-बार स्थगन कर संसद का, संविधान का, लोकतंत्र का अपमान कर रहा है.
पीएम ने तृणमूल सांसदों के कृत्यों पर जताई नाराजगी
प्रधानमंत्री ने बीजेपी सांसदों से कहा, 'दोनों सदनों में विपक्ष ने अपने कारनामों से संसद का अपमान किया है. जिस व्यक्ति ने कागज छीन लिया और उसे फाड़ दिया, उसे अपने कृत्यों पर जरा भी पछतावा नहीं है.पीएम तृणमूल सांसद शांतनु सेन का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से कागज छीन लिए थे, जिस वक्त वह राज्यसभा में पेगासस जासूसी कांड पर बयान दे रहे थे.
प्रधानमंत्री ने संसद में बिलों के पारित होने को लेकर तृणमूल सांसद डेरेक ओ'ब्रायन के बयान पर कहा कि ऐसा बयान वरिष्ठ सांसद को शोभा नहीं देता. तृणमूल सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने सरकार पर जल्दबाजी में बिल पास करने का आरोप लगाया था. ओ'ब्रायन ट्वीटर पर व्यंगात्मक शैली में पूछा था, 'सरकार कानून बना रही हैं या पापड़ी चाट?'
इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी पेगासस जासूसी कांड, सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी से निपटने, और कई मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में भयंकर हंगामे को लेकर विपक्ष पर निशाना साध चुके हैं. पिछले हफ्ते पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि गतिरोध हल करने के सारे प्रयास कांग्रेस ठुकरा रही है.
विपक्ष ने दिखाई एकजुटता
जिस वक्त प्रधानमंत्री विपक्ष पर हमला कर रहे थे उसी वक्त कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 15 विपक्षी दलों के साथ दिल्ली में ही बैठक कर रहे थे. तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा, एनसीपी की सुप्रिया सुले, शिवसेना के संजय राउत और डीएमके सांसद कनिमोझी के अलावा विपक्ष के कई नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में बीएसपी, अकाली दल और आप के नेताओं ने भाग नहीं लिया.
पेगासस कांड की जांच पर अड़ा विपक्ष
संसद में पिछले महीने 20 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर गतिरोध लगातार बना हुआ है. पेगासस जासूसी कांड की रिपोर्ट सामने आने के बाद से विपक्षी नेता और अधिक भड़के हुए है. विपक्ष इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के माग को लेकर अड़ा हुआ है.