Pilibhit Lok Sabha Constituency: जितिन को अपनी जीत के लिए पीएम मोदी की रैली का सहारा, यहां भाजपा का बसपा से हो रहा मुकाबला
By राजेंद्र कुमार | Published: April 7, 2024 10:34 PM2024-04-07T22:34:32+5:302024-04-07T22:42:09+5:30
Pilibhit Lok Sabha Constituency: जितिन प्रसाद योगी सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं। जितिन की जीत को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 अप्रैल को पीलीभीत में रैली करने आ रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में रहने वाले सिखों की वजह से पीलीभीत को यूपी का मिनी पंजाब भी कहा जाता है। गोमती नदी का उद्गम स्थल भी पीलीभीत की पहचान है। बीते 35 वर्षों से यहां मेनका संजय गांधी का परिवार ही चुनाव मैदान में अपने नाम और विकास के कार्य पर वोट मांगता रहा है। परन्तु इस बार ऐसा नहीं हो रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बीता लोकसभा चुनाव जीतने वाले वरुण गांधी के स्थान पर जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है।
जितिन प्रसाद योगी सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं। जितिन की जीत को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 अप्रैल को पीलीभीत में रैली करने आ रहे हैं। जबकि वर्ष 2019 में वरुण गांधी के लिए उन्हे ऐसा करने की जरूरत ही नहीं पड़ी थी क्योंकि वरुण गांधी अपने नाम और विकास के काम पर ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे।
फिलहाल अब नितिन प्रसाद को अपनी जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार की जरूरत पड़ रही है। जबकि जितिन प्रसाद खुद बड़े राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के बड़े नेता थे। वह शाहजहांपुर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। उनके निधन के बाद जितिन प्रसाद वर्ष 2004 में शाहजहांपुर सीट से चुनाव जीते और केंद्र सरकार में मंत्री बने।
वर्ष 2009 में वह धौरहरा सीट से सांसद बने, लेकिन वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में वह इस सीट से चुनाव हारे तो वर्ष 2022 में वह भाजपा में शामिल हो गए। अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हे पीलीभीत सीट से चुनाव मैदान में उतारा दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस सीट पर मुस्लिम कार्ड खेलते हुए अनीस अहमद उर्फ फूलबाबू को उम्मीदवार बनाया है।
अनीस अहमद अब तक तीन बार पीलीभीत सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और चौथी दफा मैदान में हैं। वह बीसलपुर विधानसभा से तीन बार बसपा के टिकट पर चुनाव भी जीत चुके हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने यहां पिछड़ा कार्ड खेलते हुए बरेली की नवाबगंज सीट से विधायक रहे भगवत सरन गंगवार को मैदान में उतारा है।
फिलहाल मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर इस बार इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार से फूलबाबू का सीधा मुक़ाबला हो रहा हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के जरिए जितिन प्रसाद यहां के माहौल को अपने पक्ष में करने के प्रयास में जुटे हैं। वहीं भगवत सरन गंगवार यहां अखिलेश यादव और राहुल गांधी की संयुक्त रैली कराने में जुटे हैं।
बाबा साहब का नाम नहीं लेते बसपा नेता :
पीलीभीत के लोगों के अनुसार, इलाके के लोग वरुण गांधी का टिकट काटा जाना पसंद नहीं कर रहे हैं। इस सीट पर 5 लाख मुस्लिम, सवा चार लाख लोध, सवा लाख कुर्मी, 72 हजार पासी, 70 हजार मौर्य, 65 हजार जाटव, 50 हजार बंगाली, 50 हजार ब्राह्मण, 45 हजार सिख और 40 हजार कश्यप वोटर हैं। इन्हें अपने तरफ करने की कवायद में भाजपा और सपा के नेता लगे हुए हैं, इसके लिए मंदिर और राष्ट्रवाद के मुद्दे को भाजपा ज़ोरशोर से उठा रही हैं।
वहीं भाजपा और बसपा के नेता गोमती नदी के प्रदूषण तथा इलाके के बर्बाद हो रहे बांसुरी उद्योग तथा इलाके की टूटी सड़कों को लेकर भाजपा नेताओं को घेर रहे हैं। यहां चुनाव प्रचार कर रहे बसपा नेता बाबा साहब के नाम नहीं लेते बल्कि बाबा साहब के बेटे को हराने की अपील करते हैं, क्योंकि इस इलाके में चुनाव लड़ रहे जितिन प्रसाद के पिता स्व.जितेंद्र प्रसाद को बाबा साहब कहा जाता रहा है।