लखनऊ, 14 मार्चः उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) से उम्मीदवार नागेंद्र पटेल 59,613 वोटों से जीते चुके हैं। जब से इस सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सपा ने अपने प्रत्याशी घोषित किए थे तब से ही यह हॉट सीट बन गई थी। दोनों पार्टियों ने उपचुनाव में कुर्मी बिरादरी का वोट बटोरने के लिए बैकवर्ड कार्ड खेला। बीजेपी ने कौशलेंद्र पटेल को मैदान में उतारा, लेकिन नागेंद्र पटेल ने करीब-करीब उन्हें पटखनी दे दी है।
नागेंद्र पटेल का ये है राजनीतिक सफर
अगर नागेन्द्र पटेल का राजनीतिक सफर बात करें तो ज्यादा लंबा नहीं है। उन्होंने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान केपी कॉलेज मैदान में हुई शिवपाल यादव की सभा में सैकड़ों समर्थकों के साथ सपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने टिकट पाने के लिए ही सपा का दामन थामा था, लेकिन तब उन्हें किसी विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिली। सपा की सरकार बनने के बाद उनको पार्टी में जिला महासचिव बना दिया गया था। नागेन्द्र 2017 के विधानसभा चुनाव में भी टिकट की कतार में लगे थे पर टिकट नहीं मिल पाई।
अभी तक नहीं लड़ा कोई भी चुनाव
हालांकि, उपचुनाव में उन्हें विधानसभा की बजाय फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से टिकट दी गई। नागेंद्र सिंह पटेल फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं। वे रेलवे के बड़े ठेकेदार हैं। उनका पटेल वोटरों में अच्छा प्रभाव है, जिसके चलते उन्हें फायदा मिला है। इस चुनाव के बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में एक नई पहचान बनाई है। नागेंद्र का यह पहला चुनाव लड़ा है, जिसमें उन्हें लगभग जीत मिल गई है। इससे पहले उन्होंने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है।
11 मार्च को हुई थी वोटिंग
आपको बता दें कि बीते 11 मार्च को फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव की वोटिंग करवाई गई थी, जिसमें 38 फीसदी मतदान हुआ था। आजादी के बाद पहली बार फूलपुर लोकसभा सीट पिछले आम चुनाव में बीजेपी के खाते में आई थी, लेकिन केशव प्रसाद मौर्या ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पद के लिए यह सीट छोड़ दी।
फूलपुर सीट से नेहरू भी लड़ते रहे हैं चुनाव
इस सीट का चुनावी इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है। फूलपुर लोकसभा सीट से भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू चुनाव लड़ते थे। 1952, 1957 और 1962 के चुनावों में फूलपुर से ही चुनकर वो संसद पहुंचे थे।