पटना: केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को बैन किये जाने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा संघ पर प्रतिबंधित किये जाने की मांग पर तीखा हमला बोलते हुए राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद वोट बैंक की खातिर पीएफआई का बचाव कर रहे हैं और जहां तक संघ पर प्रतिबंध का सवाल है तो बिहार में उनकी सरकार है, हिम्मत है तो संघ पर बैन लगा दें।
सुशील मोदी ने पीएफआई पर लगे प्रतिबंध का स्वागत करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को आड़े लेने के साथ-साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर भी कड़ा जुबानी आघात किया। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार इसी पीएफआई केस में जब बिहार पुलिस ने फुलवारी शरीफ में नेक्सस को तोड़ा था तो नीतीश कुमार नहीं चाहते थे कि इस मामले में जांच एनआइए अपने हाथों में ले।
पीएफआई की तीखी निंदा करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि यह संगठन भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने में लगा था और देश की धर्मनिरपेक्षता के लिए बड़े खतरे के तौर पर उभर रहा था। लेकिन इस पर एक्शन लेने की बजाय कांग्रेस, राजद, जदयू जैसे नकली धर्मनिरपेक्ष दल पीएफआइ को पॉलिटिकल कवर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव इस आतंकी संगठन का इसलिए बचाव कर रहे हैं क्योंकि इन्हें खास मजहब का वोट बैंक दिखाई दे रहा है।
सुशील मोदी ने कहा कि यह बहुत शर्म की बात है कि राजद, कांग्रेस और जदयू जैसे दल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तुलना पीएफआई जैसे आकंती संगठन से कर रहे हैं। आखिर कैसे वो आरएसएस जैसे देशभक्त और अनुशासित संगठन की तुलना पीएफआई जैसे संगठन से कर सकते हैं।
मामले में सीधे नीतीश कुमार पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि एनआईए ने 12 जुलाई को फुलवारी शरीफ में छापा मारकर पीएफआई के आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया था और बताया था कि यह संगठन 2047 तक भारत की धर्मनिरपेक्षता को कुचल कर देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का हिंसक इरादा रखता है। आश्चर्य है कि इतना गंभीर मामला होते हुए भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले की जांच एनआइए को नहीं सौंपना चाहते थी।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को देश सुरक्षा से उपर अपने "वोट बैंक" की चिंता थी। इस कारण उन्होंने राजद से साथ मिलकर पीएफआई को बचाने का प्रयास किया। आतंकवाद पर लालू-नीतीश के लचर रवैये के कारण ही बिहार में न केवल पीएफआई बल्कि कई आतंकी मॉड्यूल पनपते रहे।
राजद नेता शिवानंद तिवारी को तो "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे में भी कोई देशद्रोह नजर नहीं आता है और जदयू प्रमुख ललन सिंह तो केंद्र सरकार से बाकायदा पीएफआई के आतंकी गतिविधियों का सबूत मांग रहे थे। ये वही लोग हैं, जो पाकिस्तान के खिलाफ सेना द्वारा किये गये सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग रहे थे।
सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस तो बेहद शर्मनाक तरीके से आज भी इस नापाक संगठन का बचाव कर रही है, जबकि ये जाहिर हो चुका है कि पीएफआई को सीरिया, अफगानिस्तान और बांग्लादेश तक से आतंकी फंडिंग मिल रहा था।