हैदराबाद, 28 अक्टूबर तेलंगाना उच्च न्यायालय ने हुजूराबाद उपचुनाव सम्पन्न होने तक 'दलित बंधु' योजना के कार्यान्वयन को टालने संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाएं बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत शक्तियां प्रदत्त हैं।
न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति ए राजशेखर रेड्डी की पीठ ने निर्वाचन आयोग के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
आयोग ने हाल ही में निर्देश दिया था कि 30 अक्टूबर को हुजूराबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव सम्पन्न होने तक संबंधित योजना के क्रियान्वयन को टाल दिया जाए।
याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और चुनाव आयोग के निर्देश के खिलाफ दलील दी थी कि यह योजना चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले शुरू की गई थी और चूंकि यह एक चालू योजना थी, इसलिए इसे आदर्श आचार संहिता की आड़ में रोका नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने जानना चाहा था कि आखिर किसकी शिकायत पर चुनाव आयोग ने इसे टाला था और न्यायालय से आयोग के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
राज्य सरकार वर्तमान में हुजूराबाद और कुछ अन्य स्थानों पर पायलट आधार पर 'दलित बंधु' योजना लागू कर रही है।
इस दलित कल्याण योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं ताकि लाभार्थी गरीबी से बाहर निकल सकें।
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