भाजपा नेता की कथित आत्महत्या की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका का निपटारा
By भाषा | Updated: February 8, 2021 19:24 IST2021-02-08T19:24:48+5:302021-02-08T19:24:48+5:30

भाजपा नेता की कथित आत्महत्या की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका का निपटारा
नयी दिल्ली, आठ फरवरी उच्चतम न्यायालय ने भाजपा नेता देवेंद्र नाथ रॉय की कथित आत्महत्या से जुड़े एक मामले में जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने के अनुरोध वाली याचिका का सोमवार को निपटारा करते हुए कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय पहले ही इस मुद्दे पर गौर कर चुका है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय रॉय की पत्नी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए इस मामले को पहले ही देख चुका है और इस मामले की जांच में देरी नहीं हुई है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की एक पीठ ने कहा कि अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता एक वकील शशांक शेखर झा और एक पत्रकार थे, जिन्होंने इस मामले की सीबीआई या एनआईए जैसी केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा जांच कराने और मामले की सुनवाई पश्चिम बंगाल से दिल्ली की एक अदालत में स्थानांतरित किये जाने का अनुरोध किया है।
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में दिवंगत भाजपा नेता की पत्नी चंद्रिमा रॉय ने पुलिस अधिकारियों की निष्क्रियता के आधार पर जांच स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है और उच्च न्यायालय ने 20 जुलाई, 2020 को याचिका का निस्तारण कर दिया था।
पीठ ने कहा कि चंद्रिमा रॉय द्वारा दाखिल रिट याचिका पर उच्च न्यायालय द्वारा विचार किया गया है और उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, जहां याचिकाकर्ता को फिर से अनुरोध करने की स्वतंत्रता है, और इस जनहित याचिका को जारी रखने का कोई कारण नहीं दिखता है।
गौरतलब है कि रॉय पिछले वर्ष 13 जुलाई को उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमताबाद क्षेत्र में अपने घर के निकट फांसी पर लटके मिले थे। वह 2016 में पश्चिम बंगाल में माकपा से विधायक निर्वाचित हुए थे और बाद में 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गये थे।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उच्च न्यायालय ने रॉय की पत्नी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान इस मामले को व्यापक ढंग से देखा था।
उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश के साथ-साथ पश्चिम बंगाल द्वारा दायर हलफनामे का उल्लेख किया और कहा कि मामले की जांच शुरू करने में कोई देरी नहीं हुई है।
लूथरा ने कहा कि उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि जांच को एसआईटी को नियमित रूप से हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने झा की याचिका पर पांच अगस्त, 2020 को नोटिस जारी किया था और राज्य सरकार तथा केन्द्र से जवाब मांगा था।
अपने जवाबी हलफनामे में राज्य सरकार ने उन आरोपों से इनकार किया है कि रॉय की मौत एक ‘‘राजनीतिक हत्या’’ है और कहा कि मामले में राज्य सीआईडी द्वारा त्वरित और प्रभावकारी जांच की गई है।
राज्य सरकार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने शिकायतों के सभी पहलुओं के साथ-साथ मौत के संभावित कारणों की जांच की है और पहले ही सक्षम अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया है।
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