सिर्फ 12वीं कक्षा के अंकों पर विचार करने संबंधी डीयू के फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका खारिज

By भाषा | Updated: November 12, 2021 18:49 IST2021-11-12T18:49:01+5:302021-11-12T18:49:01+5:30

Petition dismissed challenging DU's decision to consider only 12th class marks | सिर्फ 12वीं कक्षा के अंकों पर विचार करने संबंधी डीयू के फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका खारिज

सिर्फ 12वीं कक्षा के अंकों पर विचार करने संबंधी डीयू के फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका खारिज

नयी दिल्ली, 12 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें केरल राज्य बोर्ड के विद्यार्थियों के दाखिले के लिए केवल 12वीं कक्षा के अंकों पर विचार करने संबंधी विश्वविद्यालय के फैसले को चुनौती दी गई थी, जो ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के अंकों को मिलाकर ‘ग्रेड’ निर्धारित करता है।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि याचिका में ‘‘काफी देरी’’ हुई है और यह विचार योग्य नहीं है।

अदालत ने कहा कि वह अनुमानों पर कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है और यह देखेगी कि केरल के कुछ विद्यार्थी शिकायत के साथ याचिका दाखिल करते हैं या नहीं। पीठ ने कहा, ‘‘उन्होंने इसे बदल दिया तो बदल दिया, कोई इसके बारे में शिकायत कैसे कर सकता है। अगर आपको सब कुछ साफ साफ समझ नहीं आ रहा है तो यह आपकी पसंद है।’’

पीठ ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा जारी जून दाखिला बुलेटिन का अवलोकन किया, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी अभ्यर्थी की मार्कशीट में ग्यारहवीं और बारहवीं दोनों के अंक हैं, तो उसे केवल बारहवीं कक्षा के अंक ही दर्ज करने होंगे।

डूसू ने अपनी याचिका में कहा कि वह अधिकारियों के ‘‘मनमाने, तर्कहीन और अनुचित आचरण’’ के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहा है, जिन्होंने असंख्य विद्यार्थियों के मौलिक और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन किया है।

डूसू का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता आशीष दीक्षित ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने कई वर्षों तक दाखिला बुलेटिन में प्रावधान को शामिल किया है, जिसमें कहा गया है कि जिन मामलों में राज्य बोर्ड ग्यारहवीं और बारहवीं दोनों के अंक प्रकाशित करते हैं, ऐसे समेकित अंकपत्रों के आधार पर विद्यार्थियों की स्थिति निर्धारित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हालांकि, दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2021-2022 की अपनी दाखिला प्रक्रिया में एकतरफा और मनमाने ढंग से निर्णय लिया है कि विद्यार्थियों को केवल बारहवीं कक्षा के अंक भरने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जब सत्र 2021-2022 के लिए दाखिला शुरू हुआ, तो कॉलेजों ने ग्यारहवीं और बारहवीं दोनों के अंक वाली मार्कशीट के संबंध में आपत्ति जताई।

याचिका का दिल्ली विश्वविद्यालय के वकील एम रूपल ने विरोध किया, जिन्होंने याचिका दाखिल करने के लिए डूसू के अधिकार पर आपत्ति जताई क्योंकि एसोसिएशन केवल दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करती है, न कि उन लोगों का जिन्होंने अभी तक यहां दाखिला नहीं लिया है।

उन्होंने कहा कि जून में विश्वविद्यालय द्वारा दाखिला बुलेटिन जारी किया गया था और याचिकाकर्ता ने अक्टूबर में अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें बहुत देर हो चुकी है।

हालांकि, दीक्षित ने कहा कि इस मुद्दे को पहले चार अक्टूबर को उजागर किया गया था, फिर उन्होंने नौ अक्टूबर को कुलपति के पास एक प्रतिवेदन दिया, लेकिन आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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Web Title: Petition dismissed challenging DU's decision to consider only 12th class marks

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