"पेटीएम संस्थापक पीएम मोदी के साथ सेल्फी लेतें हैं, उनके भक्त हैं", कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने किया सीधा हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 5, 2024 02:31 PM2024-02-05T14:31:35+5:302024-02-05T14:35:36+5:30
कांग्रेस ने पेटीएम विवाद पर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पेटीएम के संस्थापक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भक्त हैं।
नई दिल्ली: देश की सियासत में मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका अदा करने वाली कांग्रेस ने फिनटेक फर्म पेटीएम पर रिजर्व बैंक द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तिय अपराधों की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की चुप्पी पर सवाल उठाया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पेटीएम को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, “इस मुद्दे पर केंद्र का रुख क्या है। पिछले सात वर्षों से पेटीएम पेमेंट्स बैंक को यह लंबी रस्सी क्यों मिली हुई थी? पेटीएम पेमेंट्स बैंक के संस्थापक पीएम मोदी के भक्त हैं, उनके साथ सेल्फी लेते हैं और प्रधानमंत्री के पक्ष में विज्ञापन प्रकाशित करते हैं।
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में पेटीएम का समर्थन किया। जब पीएम मोदी के सहयोगियों पर आरोप लगते हैं तो एजेंसियां चुप क्यों रहती हैं? आखिर ईडी इतनी खामोश क्यों है?”
कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी पेटीएम द्वारा इस बात से इनकार करने के बाद आई है कि न तो पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस और न ही कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।
पेटीएम ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, "न तो कंपनी और न ही इसके संस्थापक और सीईओ की मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही है। अतीत में हमारे प्लेटफार्मों पर कुछ व्यापारियों या उपयोगकर्ताओं से पूछताछ की गई थी और उन अवसरों पर हमने हमेशा अधिकारियों के साथ सहयोग किया है।“
इसके साथ ही फाइलिंग में कहा गया है, "हम सीधे तौर पर रिकॉर्ड स्थापित करना चाहते हैं और हम मनी-लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार करते हैं। हम भारतीय कानूनों का पालन करते हैं।"
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई अगले महीने की शुरुआत में पेटीएम पेमेंट्स बैंक का ऑपरेटिंग लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रहा है। बैंक नियामक 29 फरवरी की समय सीमा के बाद कार्रवाई कर सकता है, जिसके बाद पेटीएम की सहायक कंपनी नई जमा स्वीकार नहीं कर सकती है।
पेटीएम पर यह आरोप लगाया गया है कि सैकड़ों और हजारों पेटीएम पेमेंट्स बैंक ग्राहकों ने अपने केवाईसी दस्तावेज़ जमा नहीं किए थे और कुछ मामलों में हजारों ग्राहकों को पंजीकृत करने के लिए एक ही दस्तावेज़ का उपयोग किया गया है।