पवार ने आरबीआई की नीतियों की आलोचना की, कहा-सहकारिता आंदोलन को कमजोर करने का हो रहा प्रयास
By भाषा | Updated: September 7, 2021 22:28 IST2021-09-07T22:28:22+5:302021-09-07T22:28:22+5:30

पवार ने आरबीआई की नीतियों की आलोचना की, कहा-सहकारिता आंदोलन को कमजोर करने का हो रहा प्रयास
पुणे, सात सितंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने सहकारी बैंकों के प्रति रिजर्व बैंक की नीतियों की आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा कि इस क्षेत्र की बागडोर लोगों के एक विशिष्ट समूह को सौंपकर सहकारिता आंदोलन को ‘‘कमजोर’’ करने का प्रयास किया जाता है।
पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) की नीति धीरे-धीरे सहकारी बैंकों की संख्या को कम करने की है, जो मुश्किल समय में आम आदमी की मदद करते हैं। सहकारी बैंकों का अन्य बैंकों के साथ विलय भी किया जा रहा है। यह सब न केवल सहकारिता आंदोलन के लिए हानिकारक है बल्कि आम आदमी के लिए भी नुकसानदेह है।’’
महाराष्ट्र में सहकारी संस्थानों का एक मजबूत नेटवर्क है, जो राकांपा और कांग्रेस के लिए एक समर्थन आधार भी बनाता है। राकांपा प्रमुख ने कहा कि सहकारी बैंकों के प्रति शीर्ष बैंक का ‘‘दृष्टिकोण’’ ‘‘बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है।’’
सितंबर 2020 में संसद द्वारा मंजूर बैंकिंग विनियमन कानून में बदलाव किए जाने के बाद से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आरबीआई द्वारा सहकारी बैंकों की निगरानी का विरोध कर रही है।
केंद्र सरकार ने हाल में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, जिसके प्रमुख केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं। पवार ने पूर्व में कहा था कि सहकारी समितियां राज्य सरकार के दायरे में आती हैं और केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
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