पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव को लेकर BJP और JDU के नेता आए आमने-सामने, गरमाई राजनीति
By एस पी सिन्हा | Published: December 3, 2018 08:00 PM2018-12-03T20:00:09+5:302018-12-03T20:00:09+5:30
पटना विश्व विद्यालय छात्र संघ के चुनाव को लेकर जिस तरह का हिंसक माहौल कायम है, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया था। छात्र चुनाव में जीत हासिल करने के लिए हर तरह के हथकंडे से लेकर गुंडागर्दी के रास्ते अपना रहे हैं।
बिहार के पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव को लेकर भाजपा और जदयू के नेता आमने-सामने हो गए हैं। भाजपा के नेताओं ने जदयू के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं, चुनाव प्रचार के दौरान छात्र जदयू और एबीवीपी के छात्रों के बीच झड़प हो गई। झड़प के बाद पुलिस के रवैये को लेकर भाजपा सवाल उठा रही है।
पटना विश्व विद्यालय छात्र संघ के चुनाव को लेकर जिस तरह का हिंसक माहौल कायम है, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया था। छात्र चुनाव में जीत हासिल करने के लिए हर तरह के हथकंडे से लेकर गुंडागर्दी के रास्ते अपना रहे हैं। विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से मुख्यधारा की सियासत में आने का लम्बा इतिहास रहा है।
लालू यादव, नीतीश कुमार से लेकर सुशील मोदी जैसे नेताओं की पैदाइश भी छात्र संघ की राजनीति से शुरू हुई थी। वर्षों तक चुनाव नहीं हुआ। और जब शुरू हुआ है तो इतना अनैतिक हो गया है कि नीतीश कुमार-सुशील मोदी और लालू यादव जैसे नेताओं के छात्र राजनीति से निकालने की संभावना पूरी तरह से ख़त्म हो गई है।
जिस तरह से छात्र संघ के चुनाव को लेकर मारपीट और गुंडागर्दी का सिलसिला शुरू हुआ है, उसको लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। जदयू के ऊपर शराब माफिया के बेटे को छात्र संघ के चुनाव में उतारे जाने का आरोप विपक्ष लगा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि छात्र संघ की राजनीति पर कब्जा जमाने के लिए शराबबंदी का अभियान चला रहे सत्ताधारी दल ने एक बड़े शराब कारोबारी के बेटे को छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद का दावेदार बना दिया है।
राजद नेता भाई बिरेन्द्र का आरोप है कि पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ में अध्यक्ष पद के लिए जदयू ने शराब माफिया के बेटे मोहित प्रकाश को अपना उम्मीदवार बना दिया है। चुनाव से चंद दिनों पहले जदयू के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के आवास 7, सर्कुलर रोड में शराब माफिया के बेटे को जदयू में शामिल कराया। उसे अध्यक्ष पद का दावेदार बना दिया गया।
इस बीच, पुलिस के द्वारा एबीवीपी के कार्यालय पर छापेमारी किए जाने के बाद एबीवीपी के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता नाराज हो गए हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि छात्र जदयू धन-बल का प्रयोग कर रही है।
इस मामले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा है कि पटना छात्र संघ चुनाव में जो भी हो रहा है वो दुखद है। एबीवीपी एक ऐसा छात्र संगठन है जिसकी मिसाल अन्य छात्रों को दिया जाता है। एबीवीपी की ओर से दो दर्ज केस दर्ज हुए। उनके उम्मीदवारों की बेइज्जती की गई। छात्र जदयू की तरफ से एक प्राथमिकी दर्ज किया गया। इस ओर से दो केस के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और उधर के प्राथमिकी पर कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा कि एबीवीपी के छात्रों को परेशान किया जा रहा है। 40 सालों में पहली बार एबीवीपी के कार्यालय पर छापेमारी की गई। यहां बता दें कि 5 दिसंबर को पटना विश्वविद्यालय में मतदान होना है और सेंट्रल पैनल के 28 पदों पर मतदान होगी। छात्र संघ चुनाव इस बार काफी अहम है यह इससे भी प्रतीत होता है कि इसके लिए बड़े नेता भी रणनीति बनाने में लगे हैं।
वहीं, छात्र संघ चुनाव को लेकर जदयू की ओर से भी काफी अहमीयत दी जा रही है। इस बार 20 हजार 368 मतदाता हैं, जो बिहार के विभिन्न जिलों से अपना संबंध रखते हैं। कुछ महीनों बाद देश के साथ बिहार में लोकसभा चुनाव भी होंगे। लिहाजा जो संगठन इस चुनाव को जीतेगा वो एक हद तक युवाओं में ये संदेश देने में सफल होगा कि छात्रों की पहली पसंद कौन सा संगठन या पार्टी है।