बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर पटना हाई कोर्ट ने लगा दी रोक, तीन सप्ताह में देना होगा जवाब

By एस पी सिन्हा | Updated: November 19, 2024 16:55 IST2024-11-19T16:55:39+5:302024-11-19T16:55:44+5:30

न्यायाधीश प्रभात कुमार सिंह ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। दरअसल, बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग नीति के खिलाफ औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से दायर केस की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई है। 

Patna High Court has put a stay on the transfer-posting of teachers in Bihar, will have to give reply in three weeks | बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर पटना हाई कोर्ट ने लगा दी रोक, तीन सप्ताह में देना होगा जवाब

बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर पटना हाई कोर्ट ने लगा दी रोक, तीन सप्ताह में देना होगा जवाब

पटना: पटना हाई कोर्ट ने बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश प्रभात कुमार सिंह ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। दरअसल, बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग नीति के खिलाफ औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से दायर केस की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई है। 

शिक्षकों की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार और सरकार की तरफ से पटना हाई कोर्ट से सीनियर अधिवक्ता ललित किशोर ने पक्ष रखा। जिसके बाद हाई कोर्ट ने शिक्षकों के ट्रांसफर/पोस्टिंग पर फिलहाल स्टे लगाते हुए तबादला नीति को और स्पष्ट करने को कहा है। कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह का वक्त दिया है। सरकार की ओर से हलफनामा दायर होने के बाद इसपर अंतिम फैसला लिया जायेगा। 

वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर 2024 तक अपने ट्रांसफर/पोस्टिंग के लिए विकल्प दें। इसके साथ ही सरकार ने यह भी निर्देश दिया था कि इस तय समय सीमा के भीतर अगर शिक्षक विकल्प नहीं देते हैं तो उनका सरकार अपने हिसाब से तबादला करेगी। 

उन्होंने कोर्ट को बताया कि विभाग ने पुरुष शिक्षकों को 10 सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को 10 पंचायतों का विकल्प दिया था। हालांकि याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा मनमाने ढंग से विकल्प देने का आरोप लगाया है। शिक्षक संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार शिक्षकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जो नियमावली बनाई गई है और जो प्रक्रिया आवेदन के दौरान हो रही है, उसमें अंतर है। इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। 

बता दें कि पिछले दिनों शिक्षकों के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी आई थी। च्वाइस पोस्टिंग के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से आवेदन भी लिए जा रहे थे। हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद ट्रांसफर का इंतजार कर रहे बिहार के लाखों शिक्षकों के साथ साथ राज्य सरकार को भी बड़ा झटका लगा है।

Web Title: Patna High Court has put a stay on the transfer-posting of teachers in Bihar, will have to give reply in three weeks

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