नयी दिल्ली, 14 दिसंबर संसद की एक स्थायी समिति ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) निदेशक मंडल में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से एक भी सदस्य नहीं होने को लेकर नाराजगी जाहिर की है।
लोकसभा के पटल पर सोमवार को रखी गई समिति की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया कि इन समुदायों के हितों की पर्याप्त रक्षा के लिए उनका प्रतिनिधित्व अवश्य होना चाहिए।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण पर गौर करने वाली समिति ने सिफारिश की है कि इस विषय को उच्चतर स्तर पर उठाया जा सकता है ताकि एससी और एसटी समुदायों से योग्य सदस्यों का प्रतिनिधित्व निदेशक मंडल में सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त दिशानिर्देश तैयार किया जा सके।
समिति ने कहा, ‘‘इस उद्देश्य के लिए समिति, जरूरत होने पर, रियायत/छूट देने के लिए भी सिफारिश करती है। ’’
समिति ने कहा कि यह जिक्र करना दुखद है कि भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक एसबीआई के पास एससी/एसटी के लिए कोई अलग योजनाएं नहीं है, जबकि समुदाय की आबादी देश की कुल आबादी की एक तिहाई है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।