हंगामे की भेट चढ़ता संसद का शीतकालीन सत्र, विपक्ष के विरोध के बीच ये बिल अटके
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 27, 2017 10:24 AM2017-12-27T10:24:35+5:302017-12-27T10:49:23+5:30
संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार के खत्म होने में केवल 5 दिन बचे हैं और विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेर रखा है।
संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार के खत्म होने में केवल 5 दिन बचे हैं और विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेर रखा है। साथ ही, विपक्ष का तीन तलाक पर पाबंदी लगाने वाले प्रस्तावित विधेयक के ड्राफ्ट, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, हिजड़ों के अधिकारों और डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल पर विपक्ष का मतभेद जारी है।
इन मुद्दों में संसद चढेंगा भेट
-विपक्ष ने इस बार भी राज्यसभा की कार्यवाही बाधित की हुई है, गुजरात चुनाव के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर चर्चा के लिए मांग कर रहा है। प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया था कि वह गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराने और अहमद पटेल को सीएम बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिश कर रहे हैं। विपक्ष पीएम मोदी से माफी मांगने की मांग पर अड़ा है।
-पाकिस्तान की कैद में बंद कुलभूषण जाधव से हाल ही में उनका परिवार मिला। उनकी पत्नी और मां के ऊपर जिस तरह से पाक ने सवाल खड़े किए हैं उस पर भी विपक्ष संसद में हंगामा करके काम में दखल दे सकता है।
- 2जी मामले आने के बाद आज संसद का काम शुरू होगा ऐसे में कयास है कि विपक्ष अहम बिलों को पास कराने में सहयोग के लिए तैयार नहीं है। 2जी घोटाले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा और कनिमोई को क्लीन चिट मिल गई है, ऐसे विपक्ष इसको भी मुद्दा बनाकर कामकाम को ठप कर सकता है।
- मुस्लिम महिला (शादी पर अधिकारों की सुरक्षा) बिल अभी तक पेश नहीं हुआ है। विपक्ष को बिल में तीन तलाक के जरिये पत्नी से अलग होने वाले शख्स के लिए तीन साल की सजा के प्रावधान पर ऐतराज है। विपक्षी पार्टियों के साथ कुछ एनजीओ और कार्यकर्ता भी इसे आपराधिक गलती बनाने के खिलाफ हैं। ऐसे में संशय बना हुआ है कि ये बिल पास होता है या नहीं।
-अनुसूचित जाति और जनजाति की कमेटी की तर्ज पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को भी संवैधानिक दर्जा देने वाले नए संविधान संशोधन बिल को इसी सत्र में संसद में पेश किया जाना है। सरकार से विरोध के बावजूद एकजुट विपक्ष द्वारा आयोग की संरचना से जुड़े कुछ संशोधनों को पास किए जाने के कारण ऐसा हुआ था।
-अनंत हेगड़े के के सेक्युलर को लेकर दिए गए बयान पर अब आज संसद में हंगामें का आसार हैं। जबकि एआईएमआईएम के नेता ने हेगड़े को पर विवादित बयान दिया है।
-थर्ड जेंडर के अधिकारों से जुड़े बिल को लेकर भी अड़चने बरकरार है। बीजेपी सांसद विनय सहस्रबुद्धे की अगुवाई वाली राज्यसभा की सिलेक्ट कमिटी मोटर वीइकल (संशोधन) बिल पर अपनी रिपोर्ट बुधवार को सौंपेगी। इस बिल के इसी सत्र में पास होने की संभावना है।
-संसद सत्र के दौरान हर मिनट पर तक़रीबन 29,000 रुपये खर्च आता है। इस लिहाज से संसद में बर्बाद हो रहे हर मिनट के लिए आपका इतना पैसा बेकार जाता है
संसद सत्र में ज्यादा कामकाज नहीं होने को लेकर सरकार पहले ही विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा चुकी है और इस बात के संकेत हैं कि अगले कुछ दिनों में वह फिर अपने रुख को दोहराएगी। सरकार के पास अब महज 5 दिन बचे हैं जिनमें उसे विपक्ष के सहयोग के साथ बिल को पास करवाना है।