Parliament Winter Session: भाजपा सुधांशु त्रिवेदी ने संसद में कहा कि एक दौर था, जब भारतीय अर्थव्यवस्था का मजाक उड़ाया जाता था। इसके साथ ही कहा जाता था कि आर्थिक मोर्चे पर 2 फीसद से ज्यादा भारत नहीं बढ़ सकता है। लेकिन, आज हमने 7.8 फीसदी की ग्रोथ की है, जिसे हिंदू विकास दर कहा जाता है।
जब देश आजाद हुआ, उस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था पर ताला लगा हुआ था और आज जो परिवर्तन हो रहा है वो सब प्रधानमोदी की देन है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब ताला खुला तो उस समय श्रीराम लला भी ताले में थे और विपक्षी कहते थे तब, हमारे पास ज्यादा संसाधन थे नहीं और हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे।
वहीं, उन्होंने आगे अपने भाषण में कहा, जैसे ही राम लला का आंदोलन शुरु हुआ, वैसे ही अर्थव्यवस्था में परिवर्तन शुरु हुआ। 1990 से 1992 के दौर में भारतीय अर्थव्यव्सथा खुलने का और साथ ही राजनीति में भी परिवर्तन आया।
सांसद ने कहा इसी समय विवादित ढांचा भी गिरा और नेहरु मॉडल भी समाप्त हुआ। उस समय विदेशी मुद्रा भंडार में भी 1 मिलियन था, एक बड़ा दौर आया जिसमें 2003-04 में करेंट अकाउंट भी बढ़ा। भारत के लिए कामयाबी की कहानी उसी समय से लिखी गई।
यही वो दौर था, जब खुदाई से 70 खंबे निकले और पता चला की भगवान राम लला यही विराजे थे। अब मोदी जी के नेतृत्व में विदेशी मुद्रा भंडार 500 बिलियन है।