आज संसद में उठे महत्वपूर्ण मुद्दे: इलेक्टोरल बॉड पर हंगामा जारी, लगभग 22 फीसदी भूजल या तो सूख गया या गंभीर स्थिति में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 22, 2019 19:02 IST2019-11-22T19:01:24+5:302019-11-22T19:02:49+5:30

देश का लगभग 22 फीसदी भूजल या तो सूख चुका है या फिर गंभीर स्थिति में है। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में यह कहा। सरकार ने जलभर के मानचित्रण का काम भी शुरू कर दिया है और अगले वर्ष मार्च तक जल संकट से जूझ रहे देश के सभी जिलों में मानचित्रण का काम होगा। 

Parliament winter session 22 november 2019: know full updates, summary, highlights, bills amendment debate update news in hindi | आज संसद में उठे महत्वपूर्ण मुद्दे: इलेक्टोरल बॉड पर हंगामा जारी, लगभग 22 फीसदी भूजल या तो सूख गया या गंभीर स्थिति में

कांग्रेस सांसदों ने इलेक्टोरल बॉण्ड के विषय को उठाते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार इस विषय पर देश की जनता से झूठ बोल रही है।

Highlightsकांग्रेस सांसदों ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉण्ड के मुद्दे पर संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।कांग्रेस सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था कि ‘‘प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो, नये तरह का भ्रष्टाचार.. इलेक्टोरल बॉण्ड’’।

कांग्रेस सांसदों ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉण्ड के मुद्दे पर संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चुप्पी तोड़ने की मांग की। संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष इलेक्टोरल बॉण्ड के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने वाले सांसदों में अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, शशि थरूर, आनंद शर्मा और कार्ति चिदंबरम आदि शामिल थे।

कांग्रेस सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था कि ‘‘प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो, नये तरह का भ्रष्टाचार.. इलेक्टोरल बॉण्ड’’। कांग्रेस सांसदों ने इलेक्टोरल बॉण्ड के विषय को उठाते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार इस विषय पर देश की जनता से झूठ बोल रही है। गौरतलब है कि आरबीआई और चुनाव आयोग द्वारा इलेक्टोरल बॉण्ड का विरोध किये जाने की रिपोर्ट के बाद इस विषय पर विवाद उत्पन्न हो गया है जहां कांग्रेस ने सरकार को संसद के भीतर और बाहर घेरने का प्रयास किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि यह ईमानदार धन को चुनावी राजनीति में लाने का प्रयास है। 

राज्यसभा में उठा जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा

राज्यसभा में आज विपक्षी दलों ने राजधानी के जवाहरलाल नेहरू विश्विवद्यालय में फीस बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाया और इसका विरोध कर रहे छात्रों पर कथित पुलिस कार्रवाई का विरोध किया जबकि भाजपा के एक सदस्य ने फीस विरोध के विरोध में चल रहे आंदोलन के ‘‘औचित्य’’ पर सवाल उठाया। शून्यकाल में माकपा के राज्यसभा सदस्य के के रागेश ने सभापति की अनुमति से जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए इस मामले में सरकार को उसके फैसले की समीक्षा करने का निर्देश देने का सुझाव दिया। उन्होंने फीस बढ़ोतरी के फैसले के खिलाफ छात्र आंदोलन को दबाने के लिये की गयी पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की।

सभापति ने दूसरे मंत्री के स्थान पर दस्तावेज पेश करने पर बालियान को टोका

राज्यसभा में शुक्रवार को उस समय सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा हो गयी जब एक मंत्री के स्थान पर दूसरे मंत्री ने आसन की अनुमति के बिना आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखने की कोशिश की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रताप चंद्र षाडंगी के स्थान अन्य केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखने पर आपत्ति जतायी। सभापति ने निर्देश दिया कि एक मंत्री के स्थान पर दूसरे मंत्री द्वारा दस्तावेज पेश किए जाने की स्थिति में आसन से पूर्व अनुमति ली जानी चाहिए। इस पर बालियान ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें 10 मिनट पहले ही इस संबंध में जानकारी मिली थी। 

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, निर्यात, वितरण और भंडारण पर पाबंदी वाला विधेयक लोकसभा में पेश

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) के उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर प्रतिबंध वाला एक विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ‘इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) विधेयक, 2019 पेश किया। यह विधेयक कानून के बाद हाल ही में इस संबंध में जारी अध्यादेश की जगह लेगा। केंद्र सरकार ने लोगों, खासकर युवाओं को ई-सिगरेट से होने वाले सेहत संबंधी खतरों का उल्लेख करते हुए इन उत्पादों पर रोक लगाने के लिए सितंबर महीने में अध्यादेश जारी किया था। सरकार ने इसके साथ ई-हुक्के को भी प्रतिबंधित किया है। अध्यादेश में कहा गया है कि पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद अथवा एक लाख रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों; और अगले अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। 

कुछ निजी कंपनियों को खुश करने के लिये सरकार पीएसयू को बेच रही है : अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) के विनिवेश के मुद्दे पर शुक्रवार को भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह कुछ निजी कंपनियों को खुश करने के लिये है। लोकसभा में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद इस विषय को उठाते हुए चौधरी ने कहा कि सरकार निजीकरण को आगे बढ़ाने के लिये पीएसयू को बेच रही है और यह संसद की समीक्षा के बिना हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कुछ निजी कंपनियों को खुश करने के लिये लाभ कमाने वाले पीएसयू को बेच रही है। चौधरी इस विषय पर और कुछ कहना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन आफ इंडिया और कानकोर सहित पांच पीएसयू के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी। 

राज्यसभा में उठा बैंकों में घोटाले का मुद्दा

राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने विभिन्न बैंकों में हुए घोटाले का मुद्दा उठाते हुए मांग की कि सरकार को जमाकर्ताओं को उनके पैसों की सुरक्षा के संबंध में भरोसा दिलाना चाहिए। कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक सहित विभिन्न सरकारी एवं सहकारी बैंकों में हुए घोटालों से आम लोग अपने पैसों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि पहले लोग बैंकों में अपने पैंसों की सुरक्षा को लेकर निश्चिंत रहते थे। उन्होंने पीएमसी बैंक घेाटाले का जिक्र करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक की देखरेख के बाद भी ऐसा हो गया। उन्होंने कहा कि बैंकों से जुड़ी मौजूदा स्थिति से आम लोगों में घबराहट है। ऐसे में सरकार को लोगों को उनके पैसों की सुरक्षा के संबंध में भरोसा दिलाना चाहिए। शून्यकाल में ही कांग्रेस के राजमणि पटेल ने सीमेंट कारखानों में नियमों के उल्लंघन होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सतना और रीवा के सीमेंट कारखानों में नियमों का पालन नहीं होने से आस पास के क्षेत्रों में प्रदूषण फैल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन कारखानों में किसानों के साथ हुए समझौतों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। 

पश्चिम बंगाल में पैरा शिक्षकों की हड़ताल के मुद्दे पर लोस में भाजपा, तृणमूल सदस्यों में तकरार

पश्चिम बंगाल में पैरा शिक्षकों की हड़ताल के मुद्दे पर लोकसभा में शुक्रवार को भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच नोकझोंक देखने को मिली। भाजपा सदस्य लॉकेट चटर्जी ने इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर है और मुख्यमंत्री इन विषयों पर चुप्पी साधे हुए हैं। लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे को उठाते हुए चटर्जी ने दावा किया कि पैरा टीचरों की भूख हड़ताल के दौरान एक शिक्षक की मौत भी हो गई। वहां न तो शिक्षा मंत्री कुछ कह रहे हैं और न तो मुख्यमंत्री ही कुछ बोल रही हैं। 

देश में लगभग 22 फीसदी भूजल या तो सूख गया या गंभीर स्थिति में है : मंत्री

देश का लगभग 22 फीसदी भूजल या तो सूख चुका है या फिर गंभीर स्थिति में है। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में यह कहा। सरकार ने जलभर के मानचित्रण का काम भी शुरू कर दिया है और अगले वर्ष मार्च तक जल संकट से जूझ रहे देश के सभी जिलों में मानचित्रण का काम होगा। 

जनसंख्या नियंत्रण के प्रावधान वाले विधेयक सहित 28 गैर सरकारी विधेयक लोकसभा में पेश

लोकसभा में शुक्रवार को कुल 28 गैर सरकारी विधेयक पेश किए गए जिनमें बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण के प्रावधान वाला विधेयक प्रमुख है। भाजपा के अजय भट्ट ने ‘जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2019’ पेश करते हुए कहा कि यह छोटे परिवारों को आधार बनाकर जनसंख्या नियंत्रित करने और उसमें सबंधित विषयों का उपबंध करने वाला विधेयक है। भाजपा के ही फिरोज वरुण गांधी ने कहा कि ‘लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक-2019’ पेश किया। इसके साथ ही भाजपा के सत्यपाल सिंह ने शिक्षण संस्थाओं में वैदिक शिक्षा को अनिर्वाय बनाने के प्रावधान वाला ‘शैक्षिक संस्थाओं में वैदिक शिक्षा का अनिवार्य शिक्षण विधेयक-2019’ पेश किया। 

लोकसभा अध्यक्ष ने ईरानी से गर्भवती महिलाओं के लिए आहार चार्ट तैयार कराने को कहा

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से कहा कि वह गर्भवती महिलाओं के लिए आहार चार्ट तैयार कराएं और इसे सांसदों को उपलब्ध कराएं ताकि वे अपने क्षेत्रों में इसका वितरण करा सकें। प्रश्नकाल के दौरान बिरला ने कहा, ‘‘ हमें देश में कुपोषण को समाप्त करने के लिये जन आंदोलन की जरूरत है । मैं आशा करता हूं कि 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र तक हम कह सकेंगे कि कुपोषण खत्म हो जाए।’’ उन्होंने कहा कि सभी सांसदों को कुपोषण के मुद्दे पर अपने क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जागरुकता फैलानी चाहिए। बिरला ने कहा कि मंत्री क्षेत्र के हिसाब से गर्भवती महिलाओं के लिए डाइट चार्ट तैयार कराएं और सांसदों के बीच बंटवाएं। 

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