Parliament Winter Session 2023: गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस पर जमकर हमला किया। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक पेश करते हुए कई आरोप लगाए। शाह ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर हमारा है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए आरक्षित होगी।
शाह ने लोकसभा में कहा कि नया कश्मीर विधेयक वंचित लोगों की मदद और उत्थान के लिए है। किसी को उनके अधिकार देने और किसी को सम्मान के साथ उनके अधिकार देने के बीच अंतर है।अगर वोट बैंक की राजनीति पर विचार किए बिना आतंकवाद से शुरुआत में ही निपट लिया गया होता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी नहीं छोड़नी पड़ती।
जम्मू कश्मीर के जिन दो विधेयकों पर यहां विचार हो रहा है, उनमें से एक में एक महिला समेत कश्मीरी विस्थापित समुदाय के दो सदस्यों को विधानसभा में मनोनीत करने का प्रस्ताव है। जम्मू कश्मीर विधानसभा में एक सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित लोगों के लिए आरक्षित होगी।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है जिनकी 70 साल तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे नेता हैं जो गरीब और पिछड़ों का दर्द जानते हैं। करीब 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग जम्मू कश्मीर से देशभर में विस्थापित होने को मजबूर हुए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार विधेयक लाई है।
शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं जो विधेयक (जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन अधिनियम 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक 2023) लेकर आया हूं, वह बिल 70 वर्षों से जिन पर अन्याय हुआ, अपमानित हुए और जिनकी अनदेखी की गई, उनको न्याय दिलाने का बिल है।
कुछ लोग पूछ रहे थे कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से क्या होगा? कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से कश्मीर की विधानसभा में उनकी आवाज गूंजेगी और अगर फिर विस्थापन की स्थिति आएगी तो वो उसे रोकेंगे। इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर जम्मू कश्मीर में बदलाव नहीं मालूम पड़ेगा।
आप तो मूल से ही कटे हो, मूल के साथ संपर्क ही नहीं है, तो कैसे मालूम होगा कि जम्मू कश्मीर में बदलाव क्या हुआ। 5-6 अगस्त, 2019 को इनकी (कश्मीरी) वर्षों से न सुनी जाने वाली आवाज को मोदी जी ने सुना और आज उनको उनका अधिकार मिल रहा है।
शाह ने लोकसभा में कहा कि नाम के साथ सम्मान जुड़ा है, इसे वही लोग देख पाते हैं, जो अपने से पीछे रह गए लोगों की अंगुली पकड़ कर संवेदना के साथ उन्हें आगे बढ़ाना चाहते हैं। वो लोग इसे नहीं समझ सकते, जो इसका उपयोग वोटबैंक के लिए करते हैं। नरेन्द्र मोदी जी ऐसे नेता हैं, जो गरीब घर में जन्म लेकर देश के प्रधानमंत्री बने हैं, वह पिछड़ों और गरीबों का दर्द जानते हैं।
जब ये (कश्मीरी) विस्थापित हुए, तो अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बनना पड़ा। आज के आंकड़ों के मुताबिक, 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए और इस प्रकार से विस्थापित हुए कि उनकी जड़ें अपने देश और प्रदेश से उखड़ गईं। ये बिल उनको अधिकार देने का है, उनको प्रतिनिधित्व देने का है।