यदि उच्चतम न्यायालय ही कानून बनाएगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए?, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शीर्ष अदालत पर साधा निशाना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 19, 2025 20:37 IST2025-04-19T20:36:23+5:302025-04-19T20:37:02+5:30
राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल में समयसीमा निर्धारित किये जाने पर भी बहस शुरू हो गई है।

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नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून यदि शीर्ष अदालत ही बनाएगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। दुबे ने ‘एक्स’ पर यह पोस्ट बिना किसी व्याख्या के लिखा है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है। अधिनियम को इस महीने की शुरुआत में संसद ने पारित किया था।
न्यायालय द्वारा इस कानून के कुछ विवादास्पद प्रावधानों पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने अगली सुनवाई तक उन्हें लागू न करने पर सहमति व्यक्त की है। राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल में समयसीमा निर्धारित किये जाने पर भी बहस शुरू हो गई है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शीर्ष अदालत के इस निर्णय से असहमति जताई है। वहीं दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत के उक्त निर्देश के साथ-साथ वक्फ (संशोधन) अधिनियम मामले में उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही की सराहना की है।
भाजपा के लोकसभा सदस्य दुबे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कानून यदि उच्चतम न्यायालय ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए।’’ झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे अक्सर लोकसभा में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भाजपा के राजनीतिक हमलों में अग्रणी भूमिका में रहते हैं और विभिन्न मुद्दों पर सत्तारूढ़ पार्टी का रुख स्पष्टता से सदन में रखते हैं।