संसद का मॉनसून सत्र पहला दिन: लोक सभा मेंं पेश हुए चार विधेयक, मोदी सरकार करना चाहती है आरटीई कानून में संशोधन
By भाषा | Updated: July 18, 2018 17:53 IST2018-07-18T17:53:51+5:302018-07-18T17:53:51+5:30
सदन में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन ने अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक 2018 पेश किया जिसमें अविनियमित निक्षेप स्कीमों पर पाबंदी के लिये एक व्यापक तंत्र बनाने एवं निक्षेपकर्ताओं के हितों की रक्षा तथा उससे जुड़े विषयों का प्रावधान किया गया है।

monsoon session of parliament
नयी दिल्ली, 18 जुलाई: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान शोरशराबे को छोडकर सामान्य ढंग से कामकाज हुआ। सदन में सरकार ने चार विधेयक पेश किये जिसमें मध्यस्थ और सुलह संशोधन विधेयक, व्यक्तियों का दुर्व्यापार निवारण, संरक्षण और पुनर्वास विधेयक, अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक और भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक शामिल हैं।
लोकसभा में आज नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार दूसरा संशोधन विधेयक 2017 को भी चर्चा और पारित करने के लिये लिया गया।
निचले सदन में आज केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने व्यक्तियों का दुर्व्यापार निवारण, संरक्षण और पुनर्वास विधेयक 2018 पेश किया। इसमें व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं और बालकों के दुर्व्यापार के निवारण के लिये और इसके पीड़ितों की देखरेख, संरक्षण एवं पुनर्वास की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।
इसमें पीड़ितों के लिये विधिक, आर्थिक और सामाजिक वातावरण सृजित करने तथा उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध किया गया है।
सदन में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन ने अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक 2018 पेश किया जिसमें अविनियमित निक्षेप स्कीमों पर पाबंदी के लिये एक व्यापक तंत्र बनाने एवं निक्षेपकर्ताओं के हितों की रक्षा तथा उससे जुड़े विषयों का प्रावधान किया गया है।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक, सेबी और राज्य सरकारें इस तरह की अलग अलग योजनाओं में अनियमितताओं को देखती हैं और सरकार को एक व्यापक विधेयक लाना चाहिए।
केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने मध्यस्थ और सुलह संशोधन विधेयक 2018 पेश किया जिसके माध्यम से मध्यस्थ और सुलह अधिनियम 1996 में संशोधन किया जाना है।
लोकसभा में केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2018 पेश किया । इसमें भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण अधिनियम 2008 में संशोधन का प्रावधान किया गया है।
इससे पहले आज सुबह प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा में तेलगू देशम पार्टी :तेदेपा: और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी की।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज जब प्रश्नकाल शुरू कराया तब तेदेपा के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपनी पुरानी मांग दोहरा रहे थे। सभी सदस्य कंधे पर पीले रंग की पट्टिका डाले हुए थे।
तेदेपा सदस्यों के साथ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की रेणुका बूटा भी प्रदर्शन कर रही थीं।
प्रश्नकाल के दौरान ही कांग्रेस के सदस्य भी अपनी बात रखना चाह रहे थे। पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मांग उठा रहे थे कि सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को पहले लिया जाए।
उधर धर्मेंद्र यादव समेत सपा सांसद भी आसन के समीप आकर नारे लगाने लगे। उन्हें ‘एससी/ एसटी, ओबीसी को न्याय दो’ के नारे लगाते सुना गया।
हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को अपने स्थान पर जाकर बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रश्नकाल के बाद वह सभी की बात सुनेंगी। शोर-शराबे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ने पूरा प्रश्नकाल चलाया। शून्यकाल के दौरान भी सदस्यों ने अपने मुद्दे उठाये और कुछ विषयों पर मंत्रियों ने सदस्यों को अश्वासन भी दिया । इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। सदन की बैठक शुरू होने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्यों का अभिनंदन किया। कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज संसद के मानसून सत्र में सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिये राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की । उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी दल, किसी भी सदस्य द्वारा उठाये गए किसी भी विषय पर चर्चा को तैयार है ।