Parliament Monsoon Session: आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू पर एक्शन लिया गया है। आप सांसद सुशील कुमार रिंकू को आसन पर कागज फेंकने के कारण लोकसभा के शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर भी कार्रवाई की गई थी।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ओम बिरला ने फैसले की घोषणा करने से पहले सदन की मंजूरी मांगी। आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू को बृहस्पतिवार को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के सामने कागज फाड़कर फेंकने के लिए वर्तमान मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
निचले सदन में दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना से जुड़े ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ के पारित होने के बाद रिंकू के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। विधेयक पारित होने के तत्काल बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया, ‘‘ आम आदमी पार्टी के सदस्य रिंकू ने कागज फेड़कर आसन के सामने फेंका है।
इनको निलंबित किया जाए।’’ इसके बाद बिरला ने कहा, ‘‘मैंने प्रयास किया कि माननीय सदस्य सुशील कुमार रिंकू सदन की गरिमा बनाए रखें। लेकिन उन्होंने सदन की मर्यादा को कम करने का प्रयास किया। मैं उन्हें नामित करता हूं।’’ इसके बाद जोशी ने प्रस्ताव दिया, ‘‘नियम 374 के तहत मैं यह प्रस्ताव रखता हूं कि रिंकू ने आसन के सामने कागज फेड़कर फेंका है।
ऐसे में उन्हें सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया जाए।’’ बिरला ने कहा कि सुशील कुमार रिंकू को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया जाता है। इससे पहले विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए रिंकू ने आरोप लगाया था कि इस विधेयक के पारित होने से संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की सोच खत्म हो जाएगी।
लोकसभा अध्यक्ष के आसन के सामने कागज फाड़कर फेंकने के लिए आम आदमी पार्टी के सदस्य सुशील कुमार रिंकू को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया। लोकसभा की कार्यवाही कल 4 अगस्त तक के लिए स्थगित की गई।
लोकसभा ने ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक, 2023’ को पारित किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर जितनी लंबी चर्चा चाहता है, सरकार उसके लिए तैयार हैं। मैं चर्चा का जवाब दूंगा।विपक्ष को देश की, लोकतंत्र की चिंता नहीं है, उन्हें केवल अपने गठबंधन की चिंता है।
विपक्ष की प्राथमिकता अपने गठबंधन को बचाना है। विपक्ष को मणिपुर की चिंता नहीं है, हर कोई एक राज्य के अधिकारों के बारे में बात कर रहा है। लेकिन कौन सा राज्य? दिल्ली एक राज्य नहीं बल्कि एक केंद्र शासित प्रदेश है। संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने का अधिकार है।
लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेंद्र प्रसाद और डॉ. अंबेडकर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के विरोध में थे। गठबंधन बनाने के बाद भी, नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।