संसद ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने वाले विधेयक को दी मंजूरी

By भाषा | Published: November 28, 2019 07:49 PM2019-11-28T19:49:48+5:302019-11-28T19:49:48+5:30

पुरी ने इन आरोपों को खारिज किया कि दिल्ली में अगले साल के प्रारंभ में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक पर पिछले सात..आठ महीने से काम चल रहा था और यह कार्य अप्रैल-मई में होने लोकसभा चुनाव से पहले से जारी है।

Parliament approved the bill giving ownership rights to the residents of unauthorized colonies of Delhi | संसद ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने वाले विधेयक को दी मंजूरी

संसद ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने वाले विधेयक को दी मंजूरी

केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली की वर्तमान सरकार पर पिछले तीन वर्षों में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के काम में असहयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार इस विधेयक के माध्यम से ऐसी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के साथ हो रहे अन्याय को खत्म करने का काम करेगी।

पुरी ने इन आरोपों को खारिज किया कि दिल्ली में अगले साल के प्रारंभ में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक पर पिछले सात..आठ महीने से काम चल रहा था और यह कार्य अप्रैल-मई में होने लोकसभा चुनाव से पहले से जारी है। राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलोनी निवासी सम्पत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक 2019 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए पुरी ने कहा, ‘‘ हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस संबंध में रजिस्ट्री का काम दिल्ली सरकार को करना है । ’’

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के परोक्ष संदर्भ में पुरी ने कहा कि राजनैतिक कारणों से जिन लोगों ने इस काम में रूकावट डाली, अब वे इसे जल्दी करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस संबंध में अदालत में दो साल का समय मांगा था। पुरी ने कहा कि एक अदालती मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक आदेश दिया जिसमें ऐसी कॉलोनियों में वसीयत, जनरल पावर आफ अटर्नी सहित पांच दस्तावेजों को मान्यता देने से मना कर दिया, ऐसी स्थिति में दिल्ली के 40 लाख लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह पहल की है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी।

पुरी ने कहा कि मौजूदा दिल्ली सरकार ने केंद्र को बताया कि जिन एजेंसियों को कॉलोनियों की मैपिंग का काम दिया गया है, वे पूरा नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने फैसला किया कि राजधानी की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 से 50 लाख लोगों को उनके मकानों का मालिकाना हक देंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में ही डिजिटल मैपिंग का काम पूरा हो जाना चाहिए था। हमने अब आगामी 31 दिसंबर से पहले इस काम को पूरा करने का फैसला किया है।

पुरी ने बताया कि एक पोर्टल इस संबंध में प्रभाव में आ चुका है जिसमें सारे मैप डाले जाएंगे। करीब 600 मैप तैयार भी हो चुके हैं। बाकी सभी 31 दिसंबर तक पोर्टल पर अपलोड कर दिये जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ जो काम 11 साल में नहीं हुआ, हम उसे 30 दिन में पूरा कर देंगे ।’’

उन्होंने कहा कि इसके बाद आवासीय कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) को इन पर प्रतिक्रिया देने के लिए 15 दिन का समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद स्वामित्व अधिकारों से वंचित लोग इस संबंध में बनाये गये एक अन्य पोर्टल पर रजिस्ट्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस विधेयक में इन अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें पॉवर ऑफ अटॉर्नी, विक्रय करार, वसीयत, कब्जा पत्र और अन्‍य ऐसे दस्‍तावेजों के आधार पर मालिकाना हक देने की बात कही गई है जो ऐसी संपत्तियों के लिए खरीद का प्रमाण हैं।

इसके साथ ही ऐसी कॉलोनियों के विकास, वहां मौजूद अवसंरचना और जन सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रावधान भी विधेयक में किया गया है । इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद, पंजीकरण तथा स्‍टैंप ड्यूटी में दी जाने वाली रियायत से दिल्‍ली की 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख से ज्‍यादा लोग लाभान्वित होंगे। भाषा दीपक वैभव

Web Title: Parliament approved the bill giving ownership rights to the residents of unauthorized colonies of Delhi

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