प्रकाश सिंह बादल का निधन: 20 साल की उम्र में चुने गए थे गाँव के सरपंच, 5वीं बार रहे पंजाब के मुख्यमंत्री
By रुस्तम राणा | Published: April 25, 2023 10:59 PM2023-04-25T22:59:19+5:302023-04-25T23:04:22+5:30
मंगलवार को 95 साल की उम्र में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन हो गया। पांच बार के पूर्व मुख्यमंत्री अकाली दल के वरिष्ठ नेता को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद एक सप्ताह पहले मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

प्रकाश सिंह बादल का निधन: 20 साल की उम्र में चुने गए थे गाँव के सरपंच, 5वीं बार रहे पंजाब के मुख्यमंत्री
चंडीगढ़:पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद केंद्र सरकार ने दो दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। मंगलवार को 95 साल की उम्र में निधन हो गया। पांच बार के पूर्व मुख्यमंत्री अकाली दल के वरिष्ठ नेता को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद एक सप्ताह पहले मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
20 साल की उम्र में गांव के सरपंच के रूप में चुना गया
प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर, 1927 को पंजाब के मलोट के पास अबुल खुराना में हुआ था। वह एक जाट सिख परिवार से थे। 1947 में, उन्हें 20 साल की उम्र में गांव के सरपंच के रूप में चुना गया। लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से बीए की डिग्री प्राप्त करने के बाद साल 1957 में, प्रकाश सिंह बादल पहली बार मलोट सीट से विधायक चुने गए, जहाँ उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
पाँचवीं बार संभाली मुख्यमंत्री पद की बागडोर
प्रकाश सिंह बादल ने पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। उनका पहला कार्यकाल 27 मार्च, 1970 से 14 जून, 1971 तक रहा। वहीं दूसरा और तीसरा कार्यकाल क्रमशः 20 जून, 1977 से 17 फरवरी, 1980 तक, 12 फरवरी, 1997 से फरवरी 26, 2002 था। जबकि चौथा और पाँचावाँ कार्यकाल 2 मार्च, 2007 से 16 मार्च, 2017 तक लगातार रहा।
मोरारजी देसाई सरकार में रहे केंद्रीय मंत्री
बादल ने 2 अक्टूबर, 1972 से 30 अप्रैल, 1977 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। उन्होंने मोरारजी देसाई सरकार के दौरान केंद्रीय कृषि और सिंचाई मंत्री का पद भी संभाला।
1995 से 2008 तक SAD के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया
वह शिरोमणि अकाली दल (SAD) के संरक्षक भी थे। उन्होंने 1995 से 2008 तक पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। बाद में उन्होंने पार्टी की बागडोर अपने बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी। एसएडी के संरक्षक के रूप में, उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर एक मजबूत प्रभाव डाला।
2015 में भारत सरकार के द्वारा पद्म विभूषण से हुए सम्मानित
साल 2015 में, भारत सरकार ने प्रकाश सिंह बादल को दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया।