मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने खुद के होम गार्ड डिपार्टमेंट में ट्रांसफर किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। परमबीर सिंह ने अपने तबादले के आदेश को रद्द करने की अपील करते हुए दावा किया कि यह आदेश 'मनमाना' और 'अवैध' है।
साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोपों पर सीबीआई जांच की भी मांग की है। परमबीर सिंह ने राज्य की ओर से किसी कार्रवाई से सुरक्षा की मांग भी कोर्ट से की है।
इससे पहले परमबीर सिंह ने सोमवार को महाराष्ट्र होमगार्ड के महानिदेशक का कार्यभार संभाल लिया। परमबीर सिंह दोपहर में दक्षिण मुंबई स्थित होमगार्ड कार्यालय पहुंचे लेकिन उन्होंने मीडियाकर्मियों से कोई बातचीत नहीं की।
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक गाड़ी में विस्फोटक सामग्री पाए जाने के मामले को लेकर आलोचना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने 17 मार्च को सिंह का तबादला कर दिया था।
परमबीर सिंह ने अपनी भूमिका पर उठ रहे सवालों के बीच शनिवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर सनसनी फैला दी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
परमबीर सिंह ने ये भी कहा था कि मुकेश अंबानी केस में एनआईए द्वारा पकड़े गए सचिन वाझे को देशमुख ने 100 करोड़ रुपये हर महीने कलेक्ट करने का टारगेट दिया था। इसके बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति भी गरमाई हुई है।
शिवसेना इसे महाराष्ट्र की सरकार को बदनाम करने और सरकार गिराने के लिए बीजेपी की साजिश भी बता रही है। इस बीच अभी तक एनसीपी प्रमुख शरद पवार अनिल देशमुख का बचाव करते नजर आए हैं।
शरद पवार ने सोमवार को मीडिया से कहा कि देशमुख फरवरी में अस्पताल में भर्ती थे। इसलिए सचिन वाझे और अनिल देशमुख की मुलाकात की खबरें ही गलत हैं।