नयी दिल्ली, नौ अगस्त अर्जुन पुरस्कार विजेता पारा शटलर राजकुमार ने आगामी टोक्यो पैरालिंपिक में मिश्रित युगल बैडमिंटन स्पर्धा के लिए चयन नहीं किये जाने के खिलाफ खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिस पर अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने विवाद से संबंधित कुछ दस्तावेजों का इंतजार करने की चुनौती पर सुनवाई टाल दी।
भारतीय बैडमिंटन संघ की ओर से अधिवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि चयन प्रक्रिया से उनके मुवक्किल का कोई लेना देना नहीं है । टोक्यो खेल के लिये खिलाड़ियों का चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
बैडमिंटन खिलाड़ी की ओर से अधिवक्ता सन्नी सिंगला ने कहा कि राजकुमार का नाम संबंधित अधिकारियों को भेजे जाने के बावजूद उनका चयन नहीं किया गया ।
कुमार ने अदालत से, संबंधित अधिकारियों को उनका नाम चयनित खिलाड़ियों की सूची में शामिल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
उन्होंने दलील दी कि इन खेलों के मिश्रित युगल बैडमिंटन स्पर्धा के लिए भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के चयन पैनल ने प्रमोद भगत और पलक कोहली की 31 रैंकिंग जोड़ी का चयन किया है और इससे उनके साथ घोर अन्याय हुआ है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि चयन समिति ने टोक्यो पैरालिंपिक के लिए राजकुमार और पारुल दलसुखभाई परमार की छठी रैंकिंग जोड़ी को जानबूझ कर अनदेखी की है ।
इसमें कहा गया है कि बैडमिंटन एसोसिएशन) के मनमाने और भेदभावपूर्ण रवैये के कारण बैडमिंटन प्रतियोगिता के मिश्रित युगल वर्ग में टोक्यो पैरालंपिक 2020 खेलों में याचिकाकर्ता के प्रवेश का चयन करने में विफल रहा।
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