पटना:गुजरात के मोरबी पुल हादसे पर राजनीतिक सियासत शुरू हो गई है। अब तक की जानकारी के मुताबिक इस दर्दनाक हादसे में 134 लोग मारे गये हैं। विपक्ष इस हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक साथ हमलावर है। कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दल हादसे के लिए गुजरात सरकार को घेर रह हैं और बीते 27 साल के भाजपा शासन काल को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
विपक्षी दलों के द्वारा लगाये जा रहे आरोपों की कतार में जाप प्रमुख पप्पू यादव ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बंगाल के विवेकानंद रोड फ्लाईओवर हादसे के वक्त दिये गये उनके भाषण के लिए घेरा है।
पप्पू यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, "गुजरात में पुल गिरने से 150 से अधिक लोग मारे गये! बक़ौल प्रधानमंत्री पुल गिरना एक्ट ऑफ़ गॉड नहीं एक्ट ऑफ़ फ़्रॉड है! प्रधानमंत्री मोदी बताएं गुजरात के लोगों के साथ यह एक्ट ऑफ़ फ़्रॉड किसने किया? क्या उनकी ट्रबल इंजन सरकार ने यह नरसंहार किया है?"
मोरबी पुल हादसे के बाद विपक्ष समेत कई लोग प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बंगाल में ममता बनर्जी शासन के खिलाफ दिये उस बयान के कारण उन पर हमला कर रहे हैं। जानेमाने एक्टिविस्ट और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने तो पीएम मोदी के दिये उस भाषण को बाकायदा ट्वीट करते हुए उनसे सवाल किया है, "मोरबी पुल गिरना एक्ट ऑफ गॉड है या फ्रॉड है मोदी जी बताइये"
दरअसल सारा विपक्ष पीएम मोदी के उस बयान पर इसलिए टूट पड़ा है क्योंकि साल 2016 में बंगाल चुनाव से कुछ समय पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल में हुई एक जनसभा में 31 मार्च 2016 को कोलकाता के विवेकानंद रोड फ्लाईओवर हादसे पर ममता बनर्जी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। उस हादसे में भी 27 लोगों की मौत हुई थी।
पीएम मोदी ने बंगाल की बनर्जी सरकार पर तीखा कटाक्ष करते हुए उस जनसभा में कहा था, "ये कहते हैं- ये तो एक्ट ऑफ़ गॉड है। दीदी, ये एक्ट ऑफ़ गॉड नहीं, ये तो एक्ट ऑफ़ फ्रॉड है, फ्रॉड। ये एक्ट ऑफ़ फ्रॉड का परिणाम है। ...क्योंकि चुनाव के दिनों में गिरा ताकि पता चले कि आपने कैसी सरकार चलाई है। इसलिए भगवान ने लोगों को संदेश दिया है कि आज ये पुल टूटा है, कल पूरे बंगाल को ख़त्म कर देगी। इसको बचाओ, ये भगवान ने संदेश भेजा है।"