नई दिल्ली: लगातार कई दिन हुई बारिश से उफनाई नदियों के कारण आई भयंकर बाढ़ ने हिमाचल प्रदेश में व्यापक पैमाने पर नुकसान किया है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला राज्य में हुई तबाही का दौरा लेने निकले थे। इस दौरान राज्यपाल मंडी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करते हुए उस शिव मंदिर भी पहुंचे जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं।
यहां पहुंचने के बाद राज्यपाल ने कहा, "यह 16वीं सदी का मंदिर (पंचवक्त्र मंदिर) है और अब जब इसकी खबर सभी को मिल गई है तो यह अंतरराष्ट्रीय महत्व का हो गया है। मैं स्थानीय प्रशासन से भी इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने का अनुरोध करूंगा। बाढ़ के बावजूद केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ, इसी तरह, कई पुल ढह जाने के बावजूद भी इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ।"
हिमाचल में हुई तबाही में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का पंचवक्त्र मंदिर भारी सैलाबों के बीच भी डटा रहा। इसी कारण इसकी तुलना केदारनाथ मंदिर से भी हो रही है। 2013 में आई आपदा में केदारनाथ मंदिर भी बिना किसी नुकसान के सुरक्षित बच गया था।
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में लगातार कई बार बादल फटने और 13 से अधिक बार लैंड स्लाइड होने के बाद यहां ब्यास नदी के ऊपर बने सभी पुल ध्वस्त हो गये। पंचवक्त्र मंदिर के समीप दशकों से खड़ा पुल भी बह गया। मगर मंदिर को भारी त्रासदी हिला भी ना सकी। भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन पंचवक्त्र मंदिर सुकेती और ब्यास नदियों के संगम पर स्थित है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 4 हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। इसके अलवा राज्य पर एक नया खतरा संकट आ गया है। दरअसल हिमाचल की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन से आने वाली कमाई पर निर्भर है। देश और दुनिया भर के पर्यटक साल भर हिमाचल जाते रहते हैं जिससे होटल इंडस्ट्री गुलजार रहती है। लेकिन राज्य में हुए जलप्रलय के बाद सैकड़ों सड़कें और संपर्क मार्ग तबाह हो गए हैं। एक ओर पर्यटक पहले ही अपनी आगामी महीनों की बुकिंग रद्द कर रहे हैं। वहीं होटलों तक जाने वाली सड़के बह जाने से आने वाले समय में भी पर्यटन पर असर पड़ने की आशंका है। होटल संचालक इसे लेकर घबराए हुए हैं।