पाकिस्तान 9 और 12 नवंबर को करतारपुर साहिब के श्रद्धालुओं से सर्विस फीस नहीं लेगा: कुरैशी

By भाषा | Published: November 9, 2019 07:23 AM2019-11-09T07:23:22+5:302019-11-09T07:23:22+5:30

कुरैशी ने कहा कि करतारपुर गलियारा ‘प्रेम का एक गलियारा’ है और उसमें कोई नापाक षड्यंत्र नहीं है। वह इन आरोपों का जवाब दे रहे थे कि करतारपुर गलियारे का इस्तेमाल पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।

Pakistan will not charge service fees from devotees of Kartarpur Sahib on November 9 and 12: Qureshi | पाकिस्तान 9 और 12 नवंबर को करतारपुर साहिब के श्रद्धालुओं से सर्विस फीस नहीं लेगा: कुरैशी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी। (फाइल फोटो)

सुविधा शुल्क पर दो दिनों से जारी भ्रम पर विराम लगाते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान नौ और 12 नवम्बर को करतारपुर साहिब की यात्रा करने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से 20 डालर की सर्विस फीस नहीं वसूलेगा।

कुरैशी ने कहा कि करतारपुर गलियारा ‘प्रेम का एक गलियारा’ है और उसमें कोई नापाक षड्यंत्र नहीं है। वह इन आरोपों का जवाब दे रहे थे कि करतारपुर गलियारे का इस्तेमाल पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।

भारत के पत्रकारों के एक समूह से बातचीत करते हुए कुरैशी ने पंजाब के डेरा बाबा नानक स्थल और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले के करतारपुर में गुरूद्वारा दरबार साहिब को जोड़ने वाले इस गलियारे के कल होने वाले उद्घाटन को ‘ ऐतिहासिक’ करार दिया। अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को निरस्त करने के भारत के कदम को ‘एकतरफा और अस्वीकार्य’ करार देते हुए उन्होंने इस फैसले को लेकर भारत की निंदा की।

नौ और 12 नवंबर को करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं से फीस नहीं वसूलने की कुरैशी की घोषणा से पहले सूत्रों ने कहा था कि पाकिस्तान ने भारत से कह दिया है कि वह शनिवार को गुरूद्वारा दरबार साहिब जाने के लिए इस गलियारे का इस्तेमाल करने वाले हर तीर्थयात्री से 20 डॉलर सर्विस शुल्क वसूलेगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता की बहाली के मुद्दे पर कुरैशी ने कहा, ‘‘हम केवल बातचीत के लिए भारत से बातचीत नहीं चाहते ।’’

कश्मीर को लेकर द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बावजूद भारत और पाकिस्तान ने पिछले महीने एक समझौते पर दस्तखत किया था जिससे 12 नवंबर को सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव की 550 वीं जयंती से पहले नौ नवंबर को करतारपुर गलियारे के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त हुआ। इस समझौते से रोजाना 5000 भारतीय श्रद्धालु गुरूद्वारा दरबार साहिब जा पायेंगे जहां गुरू नानक ने अपने जीवन के आखिर 18 साल बिताए थे।

जब कुरैशी से पूछा गया कि क्या इस गलियारे से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट जरूरी होगा तो उन्होंने कहा, ‘‘ हम भारत और पाकिस्तान के बीच हुए करतापुर समझौते के प्रावधानों के तहत आगे बढ़ेंगे।’’

सभी धर्मों के भारतीय श्रद्धालु और भारतीय मूल के लोग इस गलियारे से जा सकते हैं और उनकी यात्रा वीजा मुक्त होगी। हर पर्यटक को 20 डॉलर शुल्क अदा करना होगा। करतारपुर गलियारे से पहुंचने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने 100 सदस्यीय विशेष पर्यटन पुलिस बल तैनात किया गया है। 

Web Title: Pakistan will not charge service fees from devotees of Kartarpur Sahib on November 9 and 12: Qureshi

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