पाकिस्तान जवान 1971 के युद्ध में यौन हिंसा में लिप्त थे, वह देश हमें महिला अधिकार सीखा रहा हैः भारत

By भाषा | Published: October 8, 2019 01:10 PM2019-10-08T13:10:04+5:302019-10-08T13:19:07+5:30

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव पालौमी त्रिपाठी ने समिति में कहा, ‘‘ ऐसे समय जब हम महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को साकार करने की दिशा में काम करने के अपने दृढ़ संकल्प दोहरा रहे हैं...बेमानी फिकरेबाजी और स्वार्थपूर्ण राजनीतिक लाभों के महिला अधिकार के मुद्दे को ‘हथियार’ के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए कोई जगह नहीं है।

Pakistan says good, India said - PAK military forces committed sexual violence in 1971, do not tell us on women's rights | पाकिस्तान जवान 1971 के युद्ध में यौन हिंसा में लिप्त थे, वह देश हमें महिला अधिकार सीखा रहा हैः भारत

त्रिपाठी ने कहा कि दूसरे की जमीन पर लालची नजर डालने वाला देश झूठी चिंताओं की आड़ में अपने नापाक इरादों को छिपाता है।

Highlightsदेश के आंतरिक मुद्दों के बारे में अवांछित टिप्पणी कर असंवेदनशील तरीके से इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया।संरा महासभा की छह समितियों में से एक यह समिति सामाजिक, मानवीय मामले तथा मानवाधिकार मुद्दों को देखती है।

जम्मू-कश्मीर में अपने सियासी फायदों के लिए महिला अधिकार मुद्दे को ‘हथियार’ की तरह इस्तेमाल करने को लेकर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए भारत ने कहा है कि यह विडंबना ही है कि वह देश इस बारे में भारत को लेकर ‘‘बेबुनियाद’’ बातें कर रहा है।

जहां महिला के जीवन जीने के अधिकार का झूठी ‘इज्जत’ के नाम पर उल्लंघन होता है और उसके दोषियों को दंडित भी नहीं किया जाता हो। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव पालौमी त्रिपाठी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के ‘एडवांसमेंट ऑफ वीमन’ विषय पर तीसरे समिति सत्र में कहा कि महासभा की पहली महिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित से लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की महिला वैज्ञानिकों तक भारतीय महिलाएं बहुत लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।

उन्होंने समिति में कहा, ‘‘ ऐसे समय जब हम महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को साकार करने की दिशा में काम करने के अपने दृढ़ संकल्प दोहरा रहे हैं...बेमानी फिकरेबाजी और स्वार्थपूर्ण राजनीतिक लाभों के महिला अधिकार के मुद्दे को ‘हथियार’ के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए कोई जगह नहीं है।

आज एक प्रतिनिधि ने मेरे देश के आंतरिक मुद्दों के बारे में अवांछित टिप्पणी कर असंवेदनशील तरीके से इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया।’’ संरा महासभा की छह समितियों में से एक यह समिति सामाजिक, मानवीय मामले तथा मानवाधिकार मुद्दों को देखती है।

त्रिपाठी ने सीधे-सीधे पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन वह संरा में इस्लामाबाद की निवर्तमान राजनयिक मलीहा लोधी द्वारा जम्मू-कश्मीर को लेकर की गई बातों का जवाब दे रहीं थी। लोधी ने समिति में अपने संबोधन में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में संचार ठप होने की वजह से राज्य की महिलाओं को दिक्कत आ रही हैं।

लोधी ने न्यूयार्क टाइम्स के पहले पन्ने पर आलेख के साथ छपी उस कश्मीरी महिला की तस्वीर का जिक्र किया जिसके बारे में लिखा गया था कि उस महिला के बेटे को सांप ने काट लिया था लेकिन उसे वक्त पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल सकी और उसकी मौत हो गई।

पाकिस्तान का नाम लिए बगैर त्रिपाठी ने कहा कि दूसरे की जमीन पर लालची नजर डालने वाला देश झूठी चिंताओं की आड़ में अपने नापाक इरादों को छिपाता है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को अब भी याद है कि उस देश के सैन्य बलों ने 1971 में भारत के निकट पड़ोसी के यहां महिलाओं के खिलाफ भयावह यौन हिंसा को अंजाम दिया था।

त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह के गंभीर उल्लंघन के मामले आज भी सामने आते हैं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में भारत सरकार के कई प्रयासों को रेखांकित किया। 

Web Title: Pakistan says good, India said - PAK military forces committed sexual violence in 1971, do not tell us on women's rights

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे