ओडिशा के पाइका समुदाय ने प्रथम स्वतंत्रता सेना के रूप में मान्यता देने की मांग की
By भाषा | Updated: December 17, 2021 23:59 IST2021-12-17T23:59:22+5:302021-12-17T23:59:22+5:30

ओडिशा के पाइका समुदाय ने प्रथम स्वतंत्रता सेना के रूप में मान्यता देने की मांग की
भुवनेश्वर,17 दिसंबर ओडिशा की राजधानी में यहां शुक्रवार को उस वक्त एक अनूठी रैली देखने को मिली, जब ‘पाइका’ समुदाय के सदस्यों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने पूर्वजों के विद्रोह, ‘पाइका विद्रोह’ को ‘‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’’ के तौर पर मान्यता देने की मांग करते हुए तलवार और अन्य पारंपरिक हथियारों से अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया।
पाइका, कृषक-सैनिक थे, जिन्होंने खुर्दा राजा की सेना बनाई थी और 1857 के विद्रोह से करीब 40 साल पहले बख्शी जगबंधु के नेतृत्व में 1817 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। समुदाय इस विद्रोह को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के तौर पर मान्यता देने की मांग कर रहा है। इसने खुर्दा जिले के बारूनेई में एक स्मारक बनाने के लिए भूमि उपलब्ध कराने की भी सरकार से मांग की है।
पाइका समुदाय के सदस्यों का नेतृत्व वीर पाइका संगठन के प्रमुख प्रकाश श्रीचंदन ने किया। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में अपने पूर्वजों के योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने को लेकर बारूनेई हिल्स से भुवनेश्वर तक करीब 25 किमी मार्च किया।
पूर्व विधायक दिलीप श्रीचंदन ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार से पाइका विद्रोह को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में मान्यता मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी...अगली बार, अपनी मांग और जोरदार तरीके से उठाने के लिए हम दिल्ली के लाल किले पर प्रदर्शन करेंगे।’’
कांग्रेस विधायक सुरेश राउत्रे ने कहा, ‘‘हम पाइका विद्रोह को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के तौर पर मान्यता देने की मांग करते हैं।
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