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पहलगाम आतंकी हमलाः 28 लोगों की मौत?, 2019 पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद सबसे बड़ा, जानें अपडेट

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 22, 2025 23:36 IST

पहलगाम आतंकी हमलाः हमले में घायल हुए 20 के करीब अन्य लोग गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं।

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ठळक मुद्देअधिकांश पर्यटक थे, जिनमें से अधिकतर गैर-स्थानीय थे।मृतकों में एक की पहचान शैलिंदर कल्पिया के तौर पर हुई है।अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं।

पहलगाम आतंकी हमलाः दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम के पास बैसरन में पर्यटकों पर हुए घातक आतंकी हमले में 28 लोगों के मारे जाने की आशंका है? कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। आज सुबह हुए इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, जिसके बाद अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। प्राप्त होने वाले गैर सरकारी समाचारों के अनुसार हमले में 27 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे, जिनमें से अधिकतर गैर-स्थानीय थे। मृतकों में एक की पहचान शैलिंदर कल्पिया के तौर पर हुई है। जबकि हमले में घायल हुए 20 के करीब अन्य लोग गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं। फिलहाल सरकारी तौर पर मृतकों की संख्या और पहचान की पुष्टि होना बाकी है।

अधिकारियों ने कहा कि हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत दौरे पर हैं। हमला दोपहर करीब तीन बजे हुआ। यह फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद से कश्मीर में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला हो सकता है। पुलवामा में आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 47 जवानों की जान चली गई थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्षेत्र में प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपायों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के लिए थोड़ी देर में श्रीनगर पहुंचने वाले हैं। शाह स्थिति की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय चर्चा करेंगे।

हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए इसे “निर्दाेष नागरिकों पर कायरतापूर्ण हमला” बताया। उन्होंने गृह मंत्री को घटना से निपटने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मोदी ने न्याय की आवश्यकता और क्षेत्र में सार्वजनिक सुरक्षा की बहाली पर भी जोर दिया।

जम्मू कश्मीर में अभी तक हुए नरसंहारों का विवरण-

1.    13-14  अगस्त 1993    -डोडा जिले के किश्तवाड़ कस्बे में सरथल-किश्तवाड़ मार्ग पर यात्री बस में से उतार कर सत्रह हिन्दू यात्रियों को मार डाला।     2.    14 मई 1995    -दोहरी भरथ में छह हिन्दुओं की हत्या।3.    5 जनवरी 1996    -डोडा जिले के किश्तवाड़ कस्बे के बरशाला में 16 हिन्दुओं की हत्या।4.    12 जनवरी 1996    -डोडा जिले के भद्रवाह कस्बे में सात हिन्दुओं की हत्या।5.    6 मई 1996    -डोडा की रामबन तहसील के सुम्बर गांव में 17 हिन्दुओं की हत्या।6.    7-8 जून 1996    -डोडा जिले के कमलाड़ी गांव में 9 हिन्दुओं की हत्या।7.    25 जून 1996    --डोडा के सियुधार क्षेत्र में 13 की हत्या।8.    7 अप्रैल 1997    -कश्मीर घाटी के संग्रामपुरा गांव में 7 कश्मीरी पंडितों की हत्या।9.    15 जून 1997    -उधमपुर के गूल क्षेत्र में तीन कश्मीरी पंडितों की हत्या।10.    24 सितम्बर 1997    -राजौरी जिले के सवाड़ी गांव में आठ हिन्दुओं की हत्या।11    15 अक्तूबर 1997    -डोडा के कुंडधार में 6 की हत्या।12.    26 जनवरी 1998    -कश्मीर के वंदहामा गांव में 23 कश्मीरी पंडितों की हत्या।13.    30 जनवरी 1998    -डोडा के नवापछी गांव में नौ मुस्लिमों की हत्या।14.    6 अप्रैल 1998    -डोडा के देस्सा क्षेत्र में नौ की हत्या।15.    17 अप्रेल 1998    -उधमपुर के प्राणकोट व ढाकीकोट गांवों में 29 लोगों की हत्या।16.    5 मई 1998    -पुंछ के सुरनकोट क्षेत्र में पांच हिन्दुओं की हत्या।17.    6 मई 1998    -डोडा के देस्सा गांव में 11 सुरक्षा समिति के हिन्दू सदस्यों की  हत्या।18.    19 जून 1998    -डोडा के चम्पनारी में 29 हिन्दू बारातियों की हत्या। 3 दूल्हे भी  शामिल। 19.    27 जुलाई 1998    -डोडा में किश्तवाड़ के छिन्नाठकुराई व श्रवण गांवों मंें 20 हिन्दुओं  की हत्या।20.    28 जुलाई 1998    -डोडा के सरवान क्षेत्र में आठ लोगों की हत्या।21.    4 अगस्त 1998    -पुंछ के बफलियाज क्षेत्र के सैलां गांव में 21 मुस्लिमों की हत्या।22.    13 फरवरी 1999    -उधमपुर में पांच हिन्दुओं की सामूहिक हत्या।23.    19 फरवरी 1999    -राजौरी जिले के बल-चराल गांव में नौ हिन्दू बारातियों की हत्या।24.    19 फरवरी 1999    -उधमपुर जिले के मुरापट्टा गांव में चार हिन्दुओं की हत्या।25.    19 फरवरी 1999    -राजौरी में कालाकोट क्षेत्र के बनियारी में 10 हिन्दुओं की हत्या।26.    28 जून 1999    -पुंछ के सूरनकोट क्षेत्र के मोड़ा बछाई गांव में तीन गुज्जर परिवारों के 17 सदस्यों की हत्या।27.    29 जून 1999    -अनंतनाग के संथू गांव में 12 बिहारी श्रमिकों की हत्या कर दी।28.    1 जुलाई 1999    -मेंढर के आड़ी गांव में दो हिन्दू परिवारों के नौ सदस्यों की हत्या। 29.    19 जुलाई 1999    -डोडा के ठाठरी गांव में 5 हिन्दू परिवारों के 15 सदस्यों की हत्या।30.    4 फरवरी 2000    -कश्मीर के तेलवानी क्षेत्र में 3 कश्मीरी पंडितों की हत्या।31.    10 फरवरी 2000    -कश्मीर के पट्टन क्षेत्र में दो परिवारों के 7 सदस्यों की हत्या।32.    28 फरवरी 2000    -पुंछ के मेंढर कस्बे में 5 हिन्दुओं की हत्या।33.    29 फरवरी 2000    -काजीगुंड में पांच सिख ट्रक चालकों की हत्या।34.    20 मार्च 2000    -कश्मीर के छत्तीसिंह पोरा में 36 सिखों की हत्या।35.    1 अगस्त 2000    -पहलगाम में 32 लोगों की हत्या। इनमें 29 अमरनाथ यात्री भी शामिल।36.    2 अगस्त 2000    -डोडा के बनिहाल कस्बे में पोगल में 12 हिन्दुओं की हत्या।37.    2 अगस्त 2000    -डोडा के महिगाम में तीन हिन्दुओं की हत्या।38.    2 अगस्त 2000    -डोडा के मरवाह क्षेत्र में 8 ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों की हत्या।39.    2 अगस्त 2000    -कुपवाड़ा में एक मुस्लिम परिवार के सात सदस्यों की हत्या।40.    2 अगस्त 2000    -अनंतनाग के अच्छाबल में आठ प्रवासी श्रमिकों की हत्या।41.    2 अगस्त 2000    -अनंतनाग के काजीगुंड में उन्नीस प्रवासी श्रमिकों की हत्या।42.    18 अगस्त 2000    -राजौरी के कोटधारा गांव में 6 हिन्दुओं की हत्या।43.    28 अगस्त 2000    -उधमपुर के गूल क्षेत्र के इंद गांव में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की हत्या।44.    29 सितम्बर 2000    -पुंछ के हरनी गुंसाईं गांव में एक मुस्लिम परिवार के 6 सदस्यों की हत्या।45.    12 अक्तूबर 2000    -केयार दच्छन में ग्राम सुरक्षा समिति के आठ सदस्यों की हत्या।46.    22 नवम्बर 2000    -बनिहाल में राजमार्ग पर पांच हिन्दू-सिख ट्रक ड्राइवरों की हत्या।47.    24 नवम्बर 2000    -डोडा के किश्तवाड़ कस्बे में पांच हिन्दुओं की हत्या।48.    2 दिसम्बर 2000    -उधमपुर के माहौर क्षेत्र में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की हत्या।49.    19 जनवरी 2001    -राजौरी जिले के दरहाल क्षेत्र में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या।50.    3 फरवरी 2001    -श्रीनगर के महजूर नगर में 8 सिखों की हत्या।51.    3 फरवरी 2001    -राजौरी जिले के त्रेयथ गांव में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या।52.    10 फरवरी 2001    -राजौरी के बुद्धल के सलोही गांव में गुज्जरों के तीन परिवारों के 15 सदस्यों को जला कर मार डाला।53.    2 मार्च 2001    -राजौरी के मंजाकोट क्षेत्र में 15 पुलिसकर्मियों व दो डाक्टरों की हत्या।54.    8 मार्च 2001    -बनिहाल के धर्मकोट में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या।55.    17 मार्च 2001    -पुंछ जिले के सुरनकोट कस्बे में तीन सिखों की हत्या।56.    15 अप्रैल 2001    -उधमपुर के माहौर क्षेत्र में पांच ग्रामीणों की हत्या।57.    8 मई 2001    -पुंछ के सुरनकोट कस्बे में गुज्जर परिवार के सात सदस्यों की गला रेत कर हत्या।58.    8 मई 2001    -पुंछ के दरसांगला गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या।59.    10 मई 2001    -किश्तवाड़ के अठोली-पाडर के सजार कस्बे में 8 हिन्दुओं की गला रेत की हत्या।60.    21 जुलाई 2001    -अमरनाथ यात्रा के पड़ावस्थल शेषनाग में सात तीर्थयात्रियों सहित 13 की हत्या।61.    21 जुलाई 2001    -डोडा जिले की किश्तवाड़ तहसील के छात्रू क्षेत्र में पांच हिन्दुओं की हत्या।62.    21 जुलाई 2001    -डोडा जिले की किश्तवाड़ तहसील में वाडवान क्षेत्र में चिरजी मोहड़ा गांव में पन्द्रह हिन्दुओं की हत्या।63.    4 अगस्त 2001    -डोडा जिले की किश्तवाड़ तहसील के सरूतधार क्षेत्र में 16 हिन्दुओं की हत्या।64.    15 अगस्त 2001    -उधमपुर के माहौर क्षेत्र में सहार बेला गांव में नरसंहार में 3 हिन्दुओं और दो मुस्लिमों की हत्या।65.    23 अगस्त 2001    -डोडा के बनिहाल क्षेत्र में एक नरसंहार मंे चार हिन्दुओं की हत्या।66.    1 दिसम्बर 2001    -उधमपुर के पंचैरी कस्बे में गलार गांव में ग्राम सुरक्षा समिति के सात सदस्यों की हत्या। इनमें 5 हिन्दू तथा 2 मुस्लिम थे।67.    1 जनवरी 2002     -पुंछ के मगनार गांव में एक हिन्दू परिवार के 6 सदस्यों की हत्या। 68.     21 जनवरी 2002     -पुंछ के मेंढर कस्बे में दो मुस्लिम परिवारों के 11 सदस्यों की हत्या। 69.    31 जनवरी 2002    -उधमपुर के रियासी कस्बे में चार प्रवासी श्रमिकों की हत्या।70.    17 फरवरी 2002       -राजौरी के कालाकोट क्षेत्र के निराला गांव में एक हिन्दू परिवार के 8  सदस्यों की हत्या।71.    30 मार्च 2002    -जम्मू के रघुनाथ मंदिर पर हमला कर 8 हिन्दुओं को मौत के घाट  उतार दिया गया।72.    8 अप्रैल 2002    -उधमपुर के अरनास गांव में सात हिन्दुओं की सामूहिक हत्या।73.    10 अप्रैल 2002    -डोडा के नगरी देदा गांव में पांच मुस्लिमों की हत्या।74.    14 मई 2002    -जम्मू के कालूचक में भीषण नरसंहार में 34 हिन्दुओं की हत्या।75.    8 जून 2002    -उधमपुर के रियासी क्षेत्र में ग्राम सुरक्षा समिति के चार मुस्लिम सदस्यों की हत्या।76.    15 जून 2002    -डोडा के किश्तवाड़ क्षेत्र में एक धार्मिक यात्रा पर हमला बोल पांच हिन्दुओं तथा दो मुस्लिमों की हत्या।77.    16 जून 2002    -उधमपुर के बडर गांव में एक ही हिन्दू परिवार के पांच सदस्यों की हत्या।78.    27 जून 2002    -छोपियां में गुज्जर-बक्करवाल परिवार के पांच सदस्यों की हत्या।79.    13 जुलाई 2002    -जम्मू के कासिम नगर में नरसंहार में 29 लोगों की मौत। मरने वाले सभी प्रवासी श्रमिक थे।80.    6 अगस्त 2002    -नुनवान-पहलगाम में अमरनाथ श्रद्धालुओं का नरसंहार 10 मरे।81.    7 अगस्त 2002    -मंजाकोट के पतरारा गांव में एक ही परिवार के दो महिलाओं, दो बच्चों समेत पांच लोगों की हत्या। 82.    24 अगस्त 2002    -राजौरी के थन्नामंडी के दूदसनबाला गांव में दो मुस्लिम परिवारों के आठ सदस्यों की हत्या।83.    24 अगस्त 2002    -गंडोह व मंजोकोट में चार मुस्लिमों की हत्या।84.    24 अगस्त 2002    -राजौरी के मंजाकोट में नरसंहार में दो मुसलमानों की हत्या।85.    25 अगस्त 2002    -सुरनकोट में पुलिस कांस्टेबल के परिवार के चार सदस्यों की हत्या।86.    28 अगस्त 2002    -सुरनकोट में दो युवा लड़कियों सहित चार मुस्लिमों की हत्या।87.    31 अगस्त 2002    -सुरनकोट के गुंुथल गांव में दो बच्चों समेत तीन की हत्या।88.    8 सितम्बर 2002    -राजौरी के दूदसन गांव में 4 हिन्दुओं की हत्या।89.    23 नवम्बर 2002    -रघुनाथ मंदिर पर हुए दूसरे आत्मघाती हमले में कुल 14 लोग मरे। इनमें 11 नागरिक, एक सुरक्षाकर्मी व दो आतंकवादी शामिल हैं।90.    20 दिसम्बर 2002    -राजौरी के बटिया गांव में 3 मुस्लिम युवतियों की हत्या।91.    21 दिसम्बर 2002    -बारामुल्ला के सोपोर क्षेत्र में रब्बान गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या।92.    22 दिसम्बर 2002    -पुंछ के बम्बरोट गांव में 3 बच्चों की हत्या।93.    25 फरवरी 2003    -सुंदरबनी के पास रायसियोट गांव में 4 हिन्दुओं की हत्या।94.    15 मार्च 2003    -उधमपुर जिले के गूल क्षेत्र में इंद पुलिस चौकी पर हमले में कुल 17 मरे। इनमें 15 पुलिसकर्मी और दो नागरिक थे।95.    23 मार्च 2003    -कश्मीर के पुलवामा जिले में छोपियां के पास नाड़ीमर्ग गांव में  आतंकवादियों ने 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या की।96.    19 मई 2003    -राजौरी के कोटधारा के चौकियां गांव में 2 बच्चों और 4 महिलाओं की गला रेत कर हत्या।97.    26 मई 2003    -राजौरी के कोटरांका के सेरी ख्वाजा गांव में वीडीसी सदस्य के परिवार के 5 लोगों की हत्या। इनमें तीन बच्चे भी थे।98.    26 जून 2004    -पुंछ के सुरनकेाट के कटा गांव में तीन बच्चों समेत 12 की हत्या।99.    19 जुलाई 2005    -उधमपुर के माहौर इलाके के डुंगी बहक में 6 लोगों की हत्या।100.    12 अगस्त 2005    -उधमपुर के माहौर में छाजरू गांव में 5 की हत्या।101.    9 सितम्बर 2005    -उधमपुर के दरमाड़ी में 3 परिवारों के 6 लोगों की हत्या।102.    10 अक्तूबर 2005    -राजौरी के बुद्धल के धारा और गब्बर गांवों में 4 परिवारों के 10 सदस्यों की हत्या।103.    9 अप्रैल 2006    -उधमपुर के चलाड गांव में एक ही परिवार के 3 लोगों की हत्या।104.    30 अप्रैल 2006    -उधमपुर के बसंतगढ़ में सात हिन्दुओं और डोडा के कुलहान इलाके में  22 हिन्दुओं की हत्या।

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