कोलकाता: वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम बुधवार को उस समय पश्चिम बंगाल में अपने की पार्टी के कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए जब वे एक केस लड़ने कोलकाता हाई कोर्ट पहुंचे। ये केस कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ था जो पश्चिम बंगाल कांग्रेस के भी अध्यक्ष हैं। पी चिदंबरम के कोलकाता हाई कोर्ट से बाहर निकलने पर मामले में अधीर रंजन चौधरी का प्रतिनिधित्व करने वाले कई वकील और कार्यकर्ता उनके खिलाफ नारेबाजी करते और काले झंडे दिखाते नजर आए।
दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने 2015 में मेट्रो डेयरी में राज्य सरकार की हिस्सेदारी एक निजी कंपनी केवेन्टर्स (Keventers) को बेचने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल की सरकार के खिलाफ जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी। पी चिदंबरम इस मामले में केवेन्टर्स की ओर से कोर्ट में केस लड़ रहे हैं।
बहरहाल, चिदंबरम को अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध का सामना करने की बात पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सफाई देते हुए कहा कि कुछ गलतफहमी हुई है। उन्होंने कहा कि किसी के पेशेवर जीवन को उसके राजनीतिक जीवन से दूर रखा जाना चाहिए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'मुझे नहीं पता था कि चिदंबरम कोलकाता में थे। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि हमारे समर्थक भावुक हो गए और ऐसा हुआ। राजनीति और पेशेवर जीवन अलग हैं। चिदंबरम कांग्रेस के एक बहुत वरिष्ठ नेता हैं और मेरी उनसे बहुत अच्छी दोस्ती है।'
दूसरी ओर पीटीआई के अनुसार विरोध प्रदर्शन में शामिल एक वकील कौस्तव बागची ने कहा कि चिदंबर एक ऐसी संस्था की ओर से पेश हो रहे हैं, जिसके द्वारा शेयरों की खरीद पर पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष द्वारा आपत्ति की जा रही है।
बागची ने कहा, 'चिदंबरम सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्य समिति) के एक सदस्य हैं और एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेता हैं।' बागची ने कहा कि उन्होंने 'कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के रूप में' विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, न कि एक वकील के रूप में और कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के हितों के खिलाफ काम करने वाले किसी भी नेता के साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे।
गौरतलब है कि अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर मेट्रो डेयरी के शेयर निजी साझेदार को बेहद कम कीमत पर बेचने का आरोप लगाते हाई कोर्ट के सामने एक जनहित याचिका दायर की है जिनका स्वामित्व संयुक्त रूस से राज्य और केवेंटर एग्रो के पास था। चौधरी ने साथ ही इस मामले की जांच का अनुरोध भी किया है।
चौधरी के वकील विकास भट्टाचार्य ने दावा किया इस बिक्री से राज्य के हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और कहा कि केवेंटर ने शेयरों का एक हिस्सा सिंगापुर स्थित एक कंपनी को जल्द ही बहुत अधिक कीमत पर बेच दिया था। राज्य ने अदालत के समक्ष दावा किया है कि उसने केवेंटर को शेयर काफी उचित तरीके से बेचे हैं और इसमें कोई अनियमितता नहीं है।
(भाषा इनपुट)