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ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, कहा-धंधेबाज को अरेस्ट कीजिए, हमारे सामने लाइए, हम कार्रवाई करेंगे

By भाषा | Updated: April 26, 2021 18:43 IST

दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल को तीन दिन के इंतजार के बाद सोमवार शाम फिर से भरे गए 64 ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त हो गए।

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ठळक मुद्दे4,000 घन मीटर ही ऑक्सीजन बची है जो आठ घंटे और चल सकती है।सर गंगाराम अस्पताल को रोजाना कम से कम 11,000 घन मीटर तरल ऑक्सीजन की जरूरत होती है।हर दिन यहां 10,000 घन मीटर ऑक्सीजन की खपत होती है।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आम आदमी पार्टी सरकार को इसमें लिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया और कहा कि गैस सिलेंडरों का वितरण करना ''आपका काम'' है।

बताया जा रहा है कि दिल्ली में कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार लोगों के उपचार के लिये एक लाख रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से ऑक्सीजन बेची जा रही है। उच्च न्यायालय ने कहा कि ''दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडरों का वितरण एक बड़ा मुद्दा है।''

अदालत ने एक वरिष्ठ अधिवक्ता की बात का जिक्र किया, जिन्होंने न्यायाधीश को व्यक्तिगत रूप से बताया कि लोग एक लाख रुपये तक में ऑक्सीजन सिलेंडर मांग रहे हैं। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली में विभिन्न अस्पतालों में बढ़ते ऑक्सीजन संकट के मुद्दे पर साढ़े तीन घंटे तक चली सुनवाई के दौरान कहा, ''ऑक्सीजन सिलेंडर वितरण आपकी (दिल्ली सरकार की) जिम्मेदारी है। आपके पास शक्तियां हैं, उनका इस्तेमाल कीजिये। यदि कोई कालाबाजारी में लिप्त है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई कीजिये। उन्हें ये काम बंद करना चाहिये। उन्हें हमारे सामने लाइए, हम कार्रवाई करेंगे।''

आशा है कि राजस्थान सरकार ऑक्सीजन टैंकरों को नहीं रोकेगी : दिल्ली उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसे आशा है कि राजस्थान सरकार कोविड-19 के मरीजों के लिए दूसरे राज्यों में चिकित्सीय ऑक्सीजन ले जा रहे क्रायोजेनिक टैंकरों को नहीं रोकने के आदेश का सम्मान करेगी। अदालत ने कहा कि इस समय ऑक्सीजन की आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा सैकड़ों लोगों का जीवन खतरे में डालने के समान होगी।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने ऑक्सीजन संकट पर करीब साढ़े तीन घंटे चली सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे व्यवधान पैदा करने से कोई उद्देश्य हासिल नहीं होगा। पीठ ने कहा, ‘‘हमें आशा और उम्मीद है कि राजस्थान सरकार कोविड-19 के मरीजों के लिए दूसरे राज्यों में चिकित्सीय ऑक्सीजन ले जा रहे टैंकरों को नहीं रोकने के केंद्र सरकार और अदालत के आदेश का सम्मान करेगी। संकट की इस घड़ी में ऑक्सीजन आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा सैकड़ों लोगों का जीवन खतरे में डालने के समान होगी। इससे कोई उद्देश्य हासिल नहीं होगा।’’

पीठ ने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों को रोकने से खतरनाक स्थिति पैदा होगी। अदालत की टिप्पणी तब आई जब दिल्ली को प्राणवायु (ऑक्सीजन) की आपूर्ति करनेवाली कंपनी इनोक्स ने कहा कि उसके कुछ टैंकरों को राजस्थान सरकार ने रोक लिया जिन्हें अभी छोड़ा जाना है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि टैंकरों को रोकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इन्हें छोड़ा जाएगा। उन्होंने कार्रवाई के संबंध में कहा, ‘‘हम एक उदाहरण स्थापित करेंगे।’’

उच्च न्यायालय ने ऑक्सीजन सिलेंडर भरने वाले पक्षों को सिलेंडर की गैर उपलब्धता और कालाबाजारी की शिकायत पर मंगलवार को होने वाली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा। पीठ ने कहा कि उसे सूचना मिली है कि ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी की जा रही है और इन्हें ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है। इसने दिल्ली सरकार को इस तरह के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा, ‘‘ऑक्सीजन सिलेंडर का वितरण आपका काम है। आपके पास शक्तियां हैं, उनका इस्तेमाल करिए। यदि कोई कालाबाजारी में शामिल है, उसके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्हें हमारे सामने लाएं।’’ दिल्ली सरकार ने कहा कि कोई कार्रवाई करने से पहले उसे सिलेंडर भरने वालों से उनके द्वारा की गई प्रदायगी के बारे में सूचना प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

पीठ ने इसपर सिलेंडर भरने वालों को निर्देश दिया कि वे अस्पतालों और अन्य को अपने द्वारा उपलब्ध कराई गई ऑक्सीजन का ब्योरा उपलब्ध कराने के अदालत के पूर्व के आदेश का पालन करें। अदालत ने सुनवाई के दौरान मौजूद दिल्ली के मुख्य सचिव को ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं, सिलेंडर भरने वालों और अस्पतालों के साथ बैठक कर वितरण योजना तैयार करने को कहा। पीठ ने कहा कि केंद्र ने जिस तरह पूरे देश के लिए एक ऑक्सीजन वितरण योजना पर काम किया है, दिल्ली सरकार भी राष्ट्रीय राजधानी के लिए उस तरह की योजना बना सकती है। 

टॅग्स :कोविड-19 इंडियादिल्ली में कोरोनाकोरोना वायरसदिल्ली हाईकोर्ट
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